रफीक खान
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सागर कलेक्टर को जमकर फटकार लगाते हुए कहा है कि नेताजी समेत रसूखदारों के अतिक्रमण को जानबूझकर छोड़ा जा रहा है। किसानों के अतिक्रमण हटा दिए गए लेकिन इनके अतिक्रमण मुख्य मार्ग पर अभी भी तने हुए हैं। 7 दिन के अंदर सभी रसूखदारों के अतिक्रमण हटाकर साफ किए जाएं. हाई कोर्ट में कंप्लायंस रिपोर्ट पेश की जाए, वरना कलेक्टर खुद हाई कोर्ट में हाजिर होकर जवाब दें। Remove Netaji's encroachment within 7 days, High Court reprimanded Sagar Collector, submit compliance report
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सागर जिले की नगर पंचायत शाहपुर की जर्जर होती व्यवस्थाओं और लगातार बढ़ते अतिक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सागर जिले की शाहपुर नगर पंचायत में लगातार बढ़ते अतिक्रमण और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता राजेंद्र सिंह लोधी ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया कि नगर पंचायत की मुख्य मार्ग अवैध दुकानों, पक्के निर्माण और ठेले-फेरी वालों से भरे हुए हैं, जिससे न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। राजनीतिक तथा रसूखदार लोगों के दबाव के चलते कलेक्टर संदीप जीआर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 5 फरवरी 2025 को याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता 15 दिन में सागर कलेक्टर को अभ्यावेदन दें और कलेक्टर को 60 दिनों के भीतर अतिक्रमण हटाकर अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। लेकिन तय समय बीतने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे यह संकेत मिला कि कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत तथ्यों में बताया गया कि प्रशासन द्वारा छोटे किसानों से जुर्माना वसूला गया, जबकि प्रभावशाली लोगों के पक्के अतिक्रमण को नजरअंदाज किया गया। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच द्वारा जारी इस आदेश के बाद सागर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है।