रफीक खान
मध्य प्रदेश के रीवा कलेक्ट्रेट में एक रिटायर्ड फौजी और रुपए और जेवरात से भरा सूटकेस लेकर जा पहुंचा। इस घटना के बाद वहां हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। रिटायर्ड फौजी लंबे समय से अपनी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए अधिकारियों से गुहार करते फिर रहा है लेकिन उसकी कहीं कोई नहीं सुन रहा। परेशान रिटायर फौजी अपने हाथों में नारियल, फूल और गले में रिश्वत के बजट वाला सूटकेस लटकाए हुए जा पहुंचा। In MP, a retired soldier brought a suitcase full. to get possession of the land, causing a stir
देश की रक्षा पर हर मौसम और हर पहर अपने जान की बाजी लगाने वाले फौजी भी मध्य प्रदेश में अफसरशाही का शिकार है। आम नागरिकों की तरह उन पर भी रिश्वतखोर अधिकारियों की जमात सहानुभूति दिखाने के लिए तैयार नहीं है। रीवा का यह नजारा इसका जीता जागता उदाहरण है। त्योंथर तहसील के मलपार गांव के निवासी योगेश कुमार तिवारी सेना से एक रिटायर्ड फौजी हैं। कलक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे पीड़ित रिटायर्ड सेना के जवान ने आरोप लागते हुए कहा कि "वह पिछले एक वर्ष पहले ही रिटायर्ड हुए है। 10 वर्षों से वह अपनी ही पुश्तैनी जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। पहले तो गांव के दबंगो ने उन्हें अपनी ज़मीन पर खेती नहीं करने दी और अब उनकी पुश्तैनी जमीन को शासकीय बना दी गई। इसकी शिकायत तहसील स्तर से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक कई बार की गई मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं है। सेना से रिटायर्ड जवान योगेश तिवारी का आरोप है कि "गांव के ही दबंग विद्याधर शुक्ला अपराधिक प्रवत्ती के हैं। उन्होंने ही निजी फायदे के लिए अधिकरियों से सांठगांठ की, जिसके बाद उनकी पुश्तैनी जमीन को शासकीय बना दी गई। योगेश कुमार तिवारी त्योंथर तहसील क्षेत्र के मलपार गांव के निवासी हैं। योगेश तिवारी ने भारतीय सेना में रहकर 21 साल 4 महीने देश की सेवा की. बीते 1 साल पहले ही आर्मी जवान योगेश तिवारी हवलदार के पद से देश की सेवा करते हुए भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे।