रफीक खान
संपूर्ण भारत में सनातन धर्म में अपनी अलग पहचान रखने वाले रामानंद संप्रदाय के प्रधान आचार्य और प्रख्यात संत स्वामी रामनरेशा चार्य गुरुवार को भोपाल से जबलपुर आते वक्त लापता हो गए। विशेष सुरक्षा प्राप्त संत रामनरेशाचार्य ट्रेन से आ रहे थे और उन्हें आखिरी बार सुबह 7:15 बजे पिपरिया रेलवे स्टेशन पर देखा गया। रास्ते में सुरक्षा कर्मियों ने संत रामनरेशाचार्य की कोई सुध नहीं ली और जब ट्रेन जबलपुर पहुंची तब उन्हें होश आया। आनन फानन में जीआरपी को लिखित सूचना दी गई। अब जीआरपी लगातार पतासाजी में जुटी हुई है। वही नर्मदापुरम जिला पुलिस भी उनकी तलाश करने की कोशिश कर रही है। Famous saint Ramnareshcharya coming from Bhopal to Jabalpur missing from train, last seen at Pipariya station
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि रामनरेशाचार्य महाराज भोपाल से जबलपुर आ रहे थे। उनके साथ श्रीधाम एक्सप्रेस में उनका तीन सदस्यीय सुरक्षा दस्ता भी था। जबलपुर पहुंचने पर जब सुरक्षा कर्मियों को रामनरेशाचार्य महाराज अपनी सीट पर नहीं मिले तो हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने अपने स्तर पर संपर्क करते हुए लोकेशन लेने की कोशिश की लेकिन जब कहीं कोई पता नहीं चला तो अपने यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी देकर निर्देश प्राप्त किए। तत्पश्चात जबलपुर जीआरपी थाना को लिखित शिकायत की गई। जीआरपी ने भोपाल से जबलपुर तक के सभी स्टेशनों पर सीसी कैमरों के फुटेज देखे, जिसमें आखिरी बार रामनरेशाचार्य पिपरिया स्टेशन पर सुबह 7:15 बजे नजर आए। ऐसा माना जा रहा है कि वह उसके बाद जबलपुर आने वाली ट्रेन में चढ़े ही नहीं। इस संबंध में जबलपुर GRP थाना प्रभारी बलराम यादव से मोबाइल पर जानकारी ली गई लेकिन उन्होंने किसी भी तरह का विवरण प्रदान नहीं किया। जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी के वर्तमान पीठाधीश्वर हैं। इस पीठ को सगुण और निर्गुण रामभक्ति परंपरा और रामानंद संप्रदाय का मूल गादी होने का गौरव प्राप्त है।