रफीक खान
रिश्वतखोरी का जिस पर नशा सवार होता है, वह पूरी तरह बेशर्म हो जाता है। उसे यह भी फर्क नजर नहीं आता कि कौन अधीनस्थ है और कौन पराया है, कौन अपना है? मध्य प्रदेश के एक सरकारी कॉलेज में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य ने अपने चौकीदार से ही रिश्वत मांग डाली और ₹9000 रिश्वत भी ले ली। लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना शाखा की टीम ने इस महिला प्राचार्य को दबोच कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। The "shameless principal" of the government college also took bribe from the "chowkidar", Lokayukta police caught her taking ₹ 9000.
जानकारी के मुताबिक विवरण इस तरह है-
आवदेक- विजय बारिया पिता जालम बारिया, उम्र 21 वर्ष चौकीदार शासकीय महाविद्यालय कानवन जिला धार
आरोपी- डॉ मंजू पाटीदार पति सुनील पाटीदार उम्र 42 वर्ष पद सहायक प्राध्यापक एवं प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय कानवन जिला धार
रिश्वत राशि-* 9,000/- रू.
आवेदक का सितंबर से दिसंबर 2024 तक 4 महीने का वेतन निकाल देने के लिए आरोपिया द्वारा ₹13,000 रिश्वत राशि की मांग की जा रही थी, जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा दिनाँक 26.02.2025 को राजेश सहाय, पुलिस अधीक्षक, विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय इंदौर को की गई। सत्यापन में शिकायत सही पाये जाने पर आज दिनांक 01.03.2025 को ट्रैपदल का गठन किया गया और आरोपी को आज दिनांक 01.03.2025 आवेदक से 9,000/- रुपये रिश्वत राशि लेते हुये कार्यालयीन कक्ष में रंगे हाथो पकडा गया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही जारी है। ट्रेप दल में उप पुलिस अधीक्षक दिनेश चंद्र पटेल, निरीक्षक रेणुका अग्रवाल, प्रधान आरक्षक रणजीत द्विवेदी, आरक्षक चंद्रमोहन बिष्ट, आरक्षक शैलेंद्र बघेल, आरक्षक आदित्य भदौरिया , महिला आरक्षक सोनम चतुर्वेदी, चालक शेर सिंह ठाकुर आदि शामिल थे।