"पुलिस का बर्ताव"याद कर विधानसभा में रो पड़े "मंत्री जी", कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब देने के लिए हुए थे खड़े - khabarupdateindia

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"पुलिस का बर्ताव"याद कर विधानसभा में रो पड़े "मंत्री जी", कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब देने के लिए हुए थे खड़े


रफीक खान
मध्य प्रदेश की विधानसभा में सरकार के एक मंत्री उस वक्त अचानक भावुक होकर रो पड़े, जब वह एक कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब दे रहे थे। मामला कांग्रेस विधायक के पुत्र पर पुलिस द्वारा फर्जी मामला दर्ज किए जाने से संबंधित था। तभी मंत्री जी को अपने बेटे के साथ पुलिस का रवैया और खुद के साथ किया गया बर्ताव याद आ गया। इस तरह की घटना के बाद समूचे विधानसभा में सनाका सा छा गया और अब इसकी राजनीतिक हलकों में हर तरफ चर्चा हो रही है। पुलिस के साथ कितनी भी जुगलबंदी राजनीतिक दलों की हो जाए लेकिन जब उसका असली बर्ताव याद आता है तो हर कोई सहम कर रह जाता है। "Minister Ji" cried in the assembly remembering the "police's behavior", he had stood up to answer the Congress MLA's question

जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने एक पुलिस अधिकारी पर उनके बेटे के खिलाफ झूठ मामला दर्ज कराने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक के सवाल पर मोहन यादव सरकार के मंत्री नरेंद्र शिवाजी राव पटेल फूट-फूटकर रोने लगे। घटना प्रश्नकाल के दौरान हुई। कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित करने की भावुक अपील की थी। विधायक ने कहा, "मेरे बच्चे झुठे केस के कारण आत्महत्या कर लेंगे। क्या यह आपको स्वीकार्य है?" सेमरिया से विधायक अभय मिश्रा ने हाथ जोड़कर मंत्री से कहा, "मैं आपके चरणों में गिरता हूं। कृपया न्याय करें और विधायकों की गरिमा बचाएं।" अभय मिश्रा और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ 16 दिसंबर, 2022 को सेमरिया के चोरहटा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था। विधायक का आरोप है कि TI (थाना प्रभारी) ने 'झूठा आपराधिक मामला' दर्ज किया और फिर उसे रद्द कर दिया। अभय मिश्रा ने TI का नाम अवनीश पांडे बताया और उन्हें निलंबित करने की मांग की।विधायक अभय मिश्रा ने बताया कि एक मोटरसाइकिल और एक SUV के बीच दुर्घटना हुई थी, जिसमें सड़क निर्माण कंपनी को जिम्मेगदार ठहराया गया था। विधायक ने कहा कि इस मामले में उन्हें और उनके बेटे को आरोपी बनाया गया था, जबकि वह कंपनी उनकी नहीं थी। "चूंकि हम राजनीति में हैं और लोगों की सेवा करते हैं, तो क्या हम अपने बच्चों की रक्षा नहीं कर सकते? क्या हम इतने नीचे गिर जाएंगे कि अब हम एक-दूसरे के परिवारों को निशाना बनाएंगे? क्या टीआई को निलंबित किया जाएगा? जवाब देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा, "मैं सदस्य की भावनाओं से पूरी तरह सहमत हूं।" इसके बाद मंत्री नरेंद्र पटेल सिसकने लगे। सिसकते हुए मंत्री ने कहा, "यह सच है कि परिवार से संबंधित मामलों को अन्य तरीकों से हल किया जाना चाहिए, लेकिन सदस्य ने जो कुछ भी कहा, मैं उससे पूरी तरह सहमत हूं।" मंत्री पटेल ने कहा कि भोपाल के एक अधिकारी द्वारा मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के जवाब से कांग्रेस विधायक संतुष्ट नहीं हुए और अड़े रहे। इसके बाद मंत्री पटेल ने पुलिस अधिकारी को निलंबित करने और जांच कराने के निर्देश मध्य प्रदेश शासन की ओर से दिए। यह मामला राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चित हो रहा है।