रफीक खान
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पदस्थ कलेक्टर आईएएस अधिकारी संजीव श्रीवास्तव एक अवमानना मामले में दोषी पाए गए हैं। हाई कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए 11 मार्च को सजा सुनाने का निर्धारण किया है। इसी तरह हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान भी रडार पर है और उन्हें 7 मार्च को सुबह 10:30 बजे कोर्ट के सामने उपस्थित होना है। इस तरह मध्य प्रदेश के दो कलेक्टरों पर संकट मंडरा गया है। Bhind "Collector" IAS Sanjeev Srivastava "guilty" in contempt case, court will pronounce sentence on 11th, Gwalior Collector will appear on 7th
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि हाई कोर्ट MP High Court में लोक निर्माण विभाग (PWD), पीएचई (PHE) में नियमित किए गए कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए आरआरसी जारी है। हाईकोर्ट ने कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने का आदेश दिया, लेकिन विभाग ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। कर्मचारियों ने अवमानना याचिका दायर की। अवमानना याचिका लंबे समय से लंबित थी। जस्टिस जीएस अहलूवालिया की बैंच में अवमानना की सुनवाई की जा रही है। कोर्ट के आदेश के पालन में उन्होंने क्या कार्रवार्ई की, वह भी नहीं बता पा रहे हैं। इसके चलते भिंड कलेक्टर की लगातार पेशी हो रही है। भिंड कलेक्टर ने कोर्ट के साथ धोखाधड़ी की कोशिश भी की। भिंड में पीडब्ल्यूडी की संपत्ति नहीं होने का दावा कलेक्टर ने किया। इस कारण कोर्ट ने उनकी कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। रामकुमार गुप्ता को ग्वालियर के पीडब्ल्यूडी में नियमित किया गया। इनके वेतन का एरियर्स 17 लाख रुपए है, बकाए की वसूली के लिए आरआरसी जारी है, लेकिन आरआरसी का पालन नहीं किया गया। सुभाष सिंह भदौरिया ने अपने वेतन का बकाया लेने के लिए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। न्यायालय में उपस्थित होने के बाद कलेक्टर को अहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी कर रहे हैं। फिर भिंड में पीडब्ल्यूडी की संपत्तियां बताई गई। पीडब्ल्यूडी भिंड के ऊपर 3 करोड़ 50 लाख रुपए की आरआरसी जारी है। इसके चलते उन्हें अवमानना के लिए दोषी मानते हुए 11 मार्च को सजा के लिए तलब किया गया है।