रफीक खान
मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट में एक ऐसे मामले की सुनवाई करते हुए ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सहायक ब्लॉक विकास प्रबंधक ABDM के पद पर पदस्थ एक कर्मचारी का तबादला किया गया था लेकिन उसे रिलीव सवा साल बाद किया गया। राज्य सरकार द्वारा जारी इस तरह के आदेश को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ रोक लगाने के निर्देश दिए गए बल्कि जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया गया है। Relieved after one and a quarter year of transfer, ABM case reached High Court, order stayed
इस संबंध में जानकारी देते हुए एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि म प्र हाईकोर्ट मैं दायर याचिका योगेश पांडे विरुद्ध शासन पर उच्च न्यायलय ने स्थानातंरण आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदक गणों को नोटिस जारी किया हैं। आवेदक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन रीवा मैं सहायक ब्लॉक विकास प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। प्रार्थी का स्थानांतरण दिनांक 22/8/2023 को रीवा से विदिशा हो गया था, इसके पश्चात आदेश दिनांक 13/11/24 को प्रार्थी को कार्य मुक्त कर दिया गया था। प्रार्थी को स्थानांतरण के काफ़ी दिनों बाद कार्य मुक्त किया गया था। स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात लंबे समय तक वह कार्य करता रहा। इसके पश्चात उसे कार्यमुक्त किया गया है। प्रार्थी का पुत्र जो कि मानसिक बीमारी से पीड़ित है प्रार्थी की पुत्री कक्षा 12 वी मैं अध्ययन कर रही है। बोर्ड परीक्षा होने वाली है अतः इनका स्थानांतरण निरस्त करने के लिए अनुरोध किया था। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रार्थी अपनी पूर्व की संस्था ब्लॉक रीवा जिला रीवा में कार्य करता रहेगा। आवेदक की ओर से सत्येन्द्र ज्योतिषी तथा विशाल यादव ने पक्ष रखा।