रफीक खान
मध्य प्रदेश में इस समय पुलिस की बुरे दिन चल रहे हैं। पुलिस लाचार है, बेबस है, यह पुलिस ही जानती है। कहीं पुलिस को हाथ जोड़ना पड़ रहा है तो कहीं उसे कुचलने की कोशिश की जा रही है। रीवा से अलग होकर नए जिले के रूप में स्थापित हुए मऊगंज में इस समय पुलिस का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस के थाना प्रभारी खुद अपनी जान का खतरा बता रहे हैं। ये कोई आरोप नहीं है बल्कि उन्होंने रोजनामचा में खुद रिपोर्ट डाली है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है और कहा है कि एक के बाद एक धमकी उनको आ रही है। थाने में कभी सिंगल तो कभी चार-पांच और कभी 40-50 लोग इकट्ठे होकर आकर कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में आम आदमी अपने आप को कितना सुरक्षित महसूस कर पाएगा? समझा जा सकता है।Police are helpless in MP: TI is saying that there is a threat to my life, the game of investigation is going on amidst the dominance of goons and mafia.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि 28 जनवरी को मऊगंज टीआई सनत कुमार द्विवेदी ने रोजनामचे में लिखा कि विपिन त्रिपाठी के सहयोगी अशोक चौरसिया और अन्य लोग शराब तस्करी से जुड़े हैं। इनकी गैंग को मूसा गैंग कहा जाता है। ये लोग कभी भी मुझ पर हमला करवा सकते हैं। भविष्य में मेरे या आरक्षक सुजीत शर्मा के साथ घटना-दुर्घटना होती है, तो इन्हें जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की जाए। आरोप है कि मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज करने का दबाव बनाने के लिए 40 से 50 लोगों ने चार घंटे तक थाने में टीआई को घेरे रखा। हमले की धमकी भी दी।वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मऊगंज में इन दिनों जनता की सुरक्षा करने वाली पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। वह खुद सुरक्षा की गुहार लगा रही है। घटना के 11 दिन बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। टीआई सनत कुमार द्विवेदी के मुताबिक बात 28 जनवरी की है। रात 10 बजे थाने में केबिन में था। इसी दौरान गनीष सोनी नाम का युवक आया। उसने आरोप लगाया कि शराब तस्कर विपिन त्रिपाठी ने साथियों के साथ मिलकर मारपीट की है। मनीष सोनी की बात सुन रहा था, इसी बीच 4-5 लोग आए। बोले- हमें विपिन त्रिपाठी ने भेजा है। हमारी भी रिपोर्ट लिखो। उनका आरोप था कि मनीष सोनी ने मारपीट की है। मैंने कहा- ठीक है, बैठ जाओ। उनकी बात सुन लूं। यह सुनकर वे लोग चले गए। कुछ देर बाद विपिन का कॉल आया। वह गाली-गलौज करते हुए धमकाने लगा। टीआई सनत द्विवेदी का कहना है कि मैं अकेला रहता हूँ। विचिन त्रिपाठी, अशोक गौरसिया मेरी और सुजीत कभी भी हमला कर सकते हैं। मामला एडिशनल एसपी अनुराग तथा एसपी रचना ठाकुर को भी मालूम है लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई ना हो पाना चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर पुलिस की इतनी लचर स्थिति देख समूचा जिला सन्न है।