रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में आधी रात के बाद 3:00 बजे पूर्व विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके लखन घनघोरिया सिविल लाइन थाने पहुंचकर धरने पर जा बैठे। इस दौरान उनके साथ सैकड़ो कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ भी थाने पहुंची। करीब 2 घंटे तक थाने में जमकर हंगामा चलता रहा। एनएसयूआई NSUI के कई नेताओं पर सिविल लाइन थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया था और उनकी गिरफ्तारी का सिलसिला आधी रात के बाद शुरू हुआ। इस बात को लेकर विधायक तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री तमतमा गए और सीधे थाने पहुंच कर धरने पर बैठ गए। Ex Cabinet Minister Lakhan Ghanghoria sat on strike at Civil Line police station at 3 o'clock in the night, there was commotion for 2 hours.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुछ बैनर पोस्टर लगाए थे। जैसे ही यह जानकारी जबलपुर पुलिस को मिली तो देर रात घरों में घुसकर एनएसयूआई के छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। NSUI के कार्यकर्ताओं को कहना था कि करीब 2 घंटे तक सिविल लाइन थाने में हम लोग को बैठाकर रखा गया। संविधान के अनुरूप ही NSUI कार्यकर्ताप्रोटेस्ट कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने गुंडागर्दी करते हुए घरों से उठाया और फिर थाने इस तरह से लेकर आए जैसे हम लोग किसी संगीन वारदातों के लिस्टेड या वांटेड अपराधी हों।पूर्व मंत्री का कहना था कि एनएसयूआई के छात्रों के साथ पुलिस का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्र नेता अपनी आइडियोलॉजी को लेकर एक जायज पोस्टर लगाकर प्रोटेस्ट कर रहे थे, और यह अधिकार हमें संविधान में दिया है। पुलिस सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी के इशारों पर काम कर रही है और देश के भविष्य छात्रों को परेशान और प्रताड़ित कर रही है। घनघोरिया ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है। सरकार को चेतावनी देते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि तानाशाही रवैया अपनाते हुए कार्रवाई की है तो सरकार को सड़क पर अब कांग्रेस से लड़ना पड़ेगा। उधर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने विधायक लखन घंगोरिया को बताया कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से लिखित शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।