मंत्री विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र, संभाग आयुक्त, कलेक्टर के खिलाफ लोकायुक्त और हेमंत कटारे पर EOW में मामला - khabarupdateindia

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मंत्री विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र, संभाग आयुक्त, कलेक्टर के खिलाफ लोकायुक्त और हेमंत कटारे पर EOW में मामला


रफीक खान
मध्य प्रदेश की सियासत भी लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू के बिना अधूरी सी लगती है। लगातार नेताओं, मंत्रियों की शिकायतें और मामले इन दोनों ही एजेंसी में सरगर्म रहते हैं। हाल ही में इंदौर के कद्दावर भारतीय जनता पार्टी नेता तथा कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभाग आयुक्त, कलेक्टर सहित अनेक पदाधिकारी पर लोकायुक्त पुलिस के पास मामला पहुंचा है। वहीं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW में विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, रिटायर आईएएस अधिकारी केपी राही समेत अनेक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। EOW case against Minister Vijayvargiya, Mayor Pushyamitra, Divisional Commissioner, Collector, Lokayukta and Hemant Katare.

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मप्र सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। मंत्री विजयवर्गीय के साथ इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त के साथ कई अफसर भी इस केस में शामिल हैं। भाजपा के पूर्व पार्षद परमानंद सिसौदिया की शिकायत पर यह प्रकरण दर्ज हुआ है। सिसौदिया ने इंदौर में 67 अवैध निर्माणों को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की थी। इसमें आरोप लगाया था कि मंत्री, विभागीय अधिकारियों और नेताओं ने सिंडिकेट बना लिया है, जो शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवा रहा है। अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार शिकायतों के बाद भी इन लोगों के दबाव में कार्रवाई नहीं हो रही है। सिसौदिया ने अवैध निर्माणों को लेकर पूर्व में जो शिकायतें मंत्री, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन, महापौर, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त आदि को भेजी थीं, उनकी प्रतिलिपि भी शिकायत के साथ लगाई थी। शिकायत में आरोप लगाया है कि अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले नेताओं और अफसरों के इस सिंडिकेट ने शहर के महंगे और सघन क्षेत्रों में लाखों वर्गफीट का अवैध निर्माण करवाकर जनता को ऊंचे दामों में बेचकर करोड़ों रुपए का काला धन कमाया है। उधर भोपाल में आईएसबीटी प्रोजेक्ट से जुड़े प्लॉट आवंटन मामले में EOW ने हेमंत कटारे के साथ उनकी पत्नी, भाई और बहू के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने कटारे फैमिली के साथ भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) के तत्कालीन सीईओ केपी राही , टीएण्डसीपी के तत्कालीन अधिकारी मनोज वर्मा पर के खिलाफ भी एफआईआर की है। आरोप है कि उक्त अफसरों ने नियम विरुद्ध तरीके से कटारे फैमिली को प्लॉट आवंटित किए हैं।