रफीक खान
भारत में वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए विधेयक और उसके खिलाफ उपजे विरोध के मद्देनजर संस्थापित की गई जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी JPC के लंबे मंथन के बाद 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय को विपक्षी सदस्य मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में जॉइंट पार्लियामेंट समिति में सरकार की मनमानी चली है। सरकार मनमानी कर विधेयक को पारित करना चाहती है।Wakf Bill: JPC approves 14 amendments, opposition members accuse it of arbitrariness
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि वक्फ विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सांसदों के विधेयक में सुझाए गए कई सुझाव स्वीकार कर लिए हैं। विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद और जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी बैठक के दौरान उनकी बात नहीं सुनी गई और जगदंबिका पाल तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद करार दिया। कल्याण बनर्जी ने कहा कि ‘उन्होंने वही तय किया, जो उन्होंने पहले से तय किया हुआ था। यह लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन है।’ हालांकि जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से हुई और बहुमत के आधार पर फैसले लिए गए। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने जेपीसी की बैठक के बाद कहा कि ‘ये हमारी आखिरी बैठक थी। जेपीसी की बैठकों में 44 संशोधनों पर चर्चा हुई। हमने सभी सदस्यों से प्रस्तावित संशोधन मांगे थे। समिति ने 14 संशोधनों को बहुमत के आधार पर स्वीकार किया है। विपक्ष ने भी कुछ संशोधन सुझाए थे, लेकिन जब इन्हें लेकर मतदान कराया गया तो उन्हें बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया।