रफीक खान
हिमाचल प्रदेश में पुलिस अभिरक्षा के दौरान टॉर्चर किए जाने से मृत्यु के शिकार हुए एक व्यक्ति के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सहित 8 पुलिस कर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को इतनी सख्त सजा के बाद महकमें में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। यह मामला 7 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। Torture in lockup: IG and 8 other police personnel sentenced to life imprisonment, CBI special court pronounces verdict
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया (परिवर्तित नाम) जब स्कूल से वापस आ रही थी, तभी उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। फिर रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद हत्यारे ने उसके मृत शरीर को पास के जंगल में फेंक दिया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सूरज को हिरासत में लिया। जांच के दौरान टॉर्चर की वजह से उसकी मौत हो गई थी। मौत का आरोप पुलिस ने दूसरे आरोपी राजू पर लगा दिया था। पुलिस हिरासत में हुई आरोपी की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाना फूंकने की भी कोशिश की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया था। इस गुड़िया रेप-मर्डर केस में जांच के दौरान आरोपी की कस्टडी में हुई मौत मामले में हिमाचल प्रदेश के IG जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिसकर्मियों को सीबीआई की चंडीगढ़ की स्पेशल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। कहा जाता है कि गुड़िया रेप-मर्डर केस में पुलिस हिरासत में टॉर्चर से हुई मौत मामले में चंडीगढ़ सीबीआई की विशेष अदालत ने 18 जनवरी को मामले में आईजी जहूर हैदर जैदी सहित 8 पुलिसकर्मियों थियोग के डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, कॉन्स्टेबल रंजीत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल और रफीक अली को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट ने सभी दोषियों को उम्रकैद के साथ एक-एक लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है।