रफीक खान
भारत की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ED को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केसों की जांच करने वाली ED से कहा है कि उसका इरादा ठीक नहीं है और वह लोगों को ज्यादा से ज्यादा जेल में रखना चाहती है। नाबालिकों, महिलाओं और बीमार लोगों को जमानत देने पर पीएमएलए PMLA के प्रावधानों के विपरीत दलीलें रखने पर ED को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी बेतुकी दलीलों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। Supreme Court reprimanded ED, Central Investigation Agency's intention is not right, it wants to keep people in jail
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ईडी ने अपनी गलती मानी। ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने माना कि एक विधि अधिकारी ने दलील पेश करते समय गलती की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर आरोप गंभीर हैं तो नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि संवादहीनता का कोई सवाल ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी उस बात पर थी, जब ईडी की ओर से पेश एक विधि अधिकारी ने 19 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भले ही कोई व्यक्ति 16 साल से कम उम्र का हो, महिला हो, बीमार या कमजोर व्यक्ति हो, कड़ी शर्तें पीएमएलए उन पर लागू होगी। तब ईडी की ओर से पेश अधिकारी शशि बाला की जमानत याचिका का विरोध कर रहे थे। शशि बाला पर शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनीज स्कैम मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। वह पेशे से एक सरकारी शिक्षिका है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार का प्रवर्तन निदेशालय की जांच टीमों पर कितना असर होगा यह वक्त बताएगा।