JABALPUR फ्लाईओवर में गड़बड़-घोटाला: CE वर्मा को हटाया, भोपाल से आएगी जांच करने टीम, निर्माण पूरा होने के पहले ही टूटी सड़क - khabarupdateindia

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JABALPUR फ्लाईओवर में गड़बड़-घोटाला: CE वर्मा को हटाया, भोपाल से आएगी जांच करने टीम, निर्माण पूरा होने के पहले ही टूटी सड़क


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में 800 करोड रुपए की लागत से बन रहे फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण में गड़बड़ घोटाले की पुष्टि मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग ने खुद ही कर दी है। पहले से ही गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे थे और लोग देखकर ही अंदाज लग रहे थे कि किस तरह से घटिया स्तर का काम कई जगह पर किया जा रहा है। अब पीडब्ल्यूडी विभाग ने खुद ही माना है कि जब फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ और सड़क उधड़ने लगी है, तब इसमें कितना गड़बड़-घोटाला किया गया होगा? पीडब्ल्यूडी विभाग ने प्रथम दृष्टया मुख्य अभियंता जबलपुर वर्मा को लापरवाह मानते हुए उन्हें यहां से हटा दिया है। साथ ही जांच के निर्देश भी दे दिए गए हैं। मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता केपीएस राणा द्वारा चार सदस्य जांच टीम का गठन भी कर दिया गया है। जिसमें मुख्य अभियंता सेतु परिक्षेत्र भोपाल जेपी वर्मा को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है तथा सेतु मंडल ग्वालियर में पदस्थ अधीक्षण यंत्री वी के झा, कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल में पदस्थ कार्यपालन यंत्री कुलदीप सिंह तथा केंद्रीय प्रयोगशाला अनुसंधान भोपाल में पदस्थ सहायक यंत्री संजय कुलकर्णी को जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है। JABALPUR Flyover scam: Road started breaking even before construction was completed, team will come from Bhopal to investigate

उल्लेखनीय है कि जबलपुर के लिए फ्लाई ओवर किसी सपने से कम नहीं रहा। दमोह नाका से लेकर मदन महल स्टेशन तक को टच करने वाले इस फ्लाईओवर के निर्माण की सौगात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दी गई थी। 800 करोड़ के आरंभिक बजट के अलावा इसमें सप्लीमेंट्री बजट भी जुड़े हुए हैं और केवल स्टे ब्रिज से लेकर मदन महल स्टेशन के उस पर महानददा और गुलाटी पेट्रोल पंप तक जोड़ने के अलावा यहां दमोहनाका से बढ़कर गोहलपुर तक जोड़ने की भी कार्य वृद्धि की गई थी। कार्य एक तरफ तो बहुत कच्छप गति से चला और दूसरी तरफ कार्य की गुणवत्ता बेहद ही घटिया रही। तकनीकी दृष्टिकोण से भी यहां जमकर मनमानी और लापरवाही देखी गई। लग ही नहीं रहा था कि हजारों करोड़ का इतना बड़ा प्रोजेक्ट यहां चल रहा है? जबकि इस फ्लाईओवर निर्माण के लिए जबलपुर शहर के कई धार्मिक स्थलों सहित निजी भूमि संपत्तियों को भी तोड़ा गया और एक तरह से बड़ी कुर्बानी जबलपुर ने शहर विकास के नाम पर दी लेकिन अब पोल खुल रही है कि अफसरों ने किस तरह से होली खेली है।