रफीक खान
परिवहन विभाग का धन कुबेर बर्खास्त आरक्षक सौरभ शर्मा को अगर मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार से सुरक्षा मिल गई तो कई नेताओं और अफसरों का पर्दाफाश हो सकता है। कथित तौर पर यह बात सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत बुझाड़े के बयान और सरकार को दिए गए पत्र से प्रचारित की जा रही है। अगर डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने इस मामले में गंभीरता के साथ ईमानदारी दिखाई एक बड़े बेईमान ग्रुप का खुलासा हो जाएगा। If "Saurabh Sharma" gets protection then many "leaders and officers" will be exposed, now it depends on Mohan Sarkar what it wants?
जानकारी के मुताबिक कहा जा रहा है कि सौरभ शर्मा खुद बचने के लिए कई बड़े मगरमच्छों को लपेटे में ले सकता है। आयकर, लोकायुक्त और ईडी की जांच का सामना कर रहा सौरभ को अब जान की खतरा भी दिखने लगा है। आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की ओर से उनके वकील ने सरकार को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में ऐसी बातें लिखी हैं, जिससे बड़े काले मगरमच्छों की जान सकते में आ गई है। बरामद करीब 54 किलो सोना और करीब पौने दो क्विंटल चादी और करोड़ों रुपये की राशि अकूत संपत्ति अकेले सौरभ की नहीं है। यह पुराना सिंडीकेट है। सौरभ इसका केवल एक छोटा सा अंग है। हाल ही में ऐसा प्रचारित हुआ है और लोगों का भी कुछ इसी तरह का अनुमान है कि बरामद रकम और सोना सब कुछ ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं का है। सौरभ शर्मा के परिजनों ने अपने वकील सूर्यकांत बुझाड़े के माध्यम से कहा है कि उनका मुवक्किल सौरभ शर्मा जांच में सहयोग करना चाहते हैं। लेकिन, उन्होंने शर्त रख दी है कि वे जांच में तभी सहयोग करेंगे, जबकि वे सुरक्षित महसूस करेंगे। बताया जा रहा है कि ये बहुत बड़ा केस है जबकि सौरभ शर्मा सहित अन्य आरोपी तो छोटी मछलियां हैं। इस कारण इनके सिर पर केस थोप दिया गया है और आगे भी ऐसी ही संभावना है।