रफीक खान
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एक बयान में कहा है कि कई बार लोगों को झूठे एससी एसटी एक्ट में फसाया जाता है। अधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है. वह इस पर गंभीरता से ध्यान दें ताकि बेगुनाह को किसी भी झूठे मामले में फंसने ना दिया जाए और जो वास्तविक रूप से दोषी है उसको बचाना भी नहीं चाहिए। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि कामकाज के तरीकों में यूरोपियन कल्चर अपनाना चाहिए। एक दूसरे की वाहवाही करने की जगह कमियों को प्वाइंट आउट कर उसे कहने और सुनने की आदत डालना चाहिए। इसी से सिस्टम में सुधार किया जा सकता है। High Court Judge Vivek Agarwal said- Innocents are framed under SC-ST Act, officers should be alert
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल जबलपुर में आयोजित एक वर्कशॉप में शामिल हुए थे और इस दौरान उन्होंने जिला जिला प्रशासन, अभियोजन तथा पुलिस अधिकारियों के बीच यह महत्वपूर्ण बात रेखांकित की। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा, 'अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, एससी/एसटी एक्ट के झूठे केस में बेगुनाह फंसे नहीं और अगर कोई वाकई गुनहगार है तो वो बचना भी नहीं चाहिए।' मध्यप्रदेश पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि, एनसीआरबी में मध्यप्रदेश में दर्ज अपराधों की संख्या अधिक है। इससे पता चलता है कि, हमारे यहां अपराधों की सही रिपोर्टिंग की जा रही है। मध्यप्रदेश पुलिस और प्रशासन को इस बात के लिए साधुवाद। यहां थानों में अपराध सही तरह से दर्ज हो रहे हैं। एससी/एसटी एक्ट में मुआवजे का प्रावधान है। ऐसे मामलों में कई दलाल एक्टिव होते हैं जो मुआवजा दिलाने के नाम पर बेगुनाहों को फंसा देते हैं। ऐसे मामलों में प्रशासन, पुलिस और अदालत तीनों में ही कहीं न कहीं कमी है। दलाल हमारी विश्वसनीयता को ख़राब कर रहे हैं।