रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी यानी कि टीआई साहब क्राइम मीटिंग के बाद अचानक से 3 महीने की छुट्टी पर चले गए। बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी से रायशुमारी या अनुमति के एक थाना प्रभारी का इस तरह से छुट्टी पर चला जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस विभाग में जबरदस्त खलबली मची हुई है। क्राइम मीटिंग के तत्काल बाद हुई इस तरह की घटना से खुद पुलिस अधीक्षक भी भौचक रह गए और उन्होंने सीएसपी कोतवाली से इस संबंध में जानकारी हासिल करने की कोशिश की। तमाम तरह की कवायद के बावजूद TI कोतवाली ने किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के सामने सब कुछ स्पष्ट नहीं किया है। Why did Kotwali TI suddenly go on leave, there was panic in Jabalpur police
दरअसल मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में जब से पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय आए हैं, वह लगातार यहां बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। कथित तौर पर अनुशासन के लिए पहचाने जाने वाले पुलिस विभाग के एसपी ऑफिस में पदस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों को अनिवार्य रूप से यूनिफॉर्म पर आने के लिए निर्देशित किया गया। थानों के रिकॉर्ड, प्रकरणों की सुनवाई, प्रकरणों के निराकरण संबंधी भी सख्त निर्देश देकर समीक्षा की जा रही है। पुलिस की कार्य प्रणाली को बेहतर करने और उसे सुधारने के लिए हो रहे प्रयासों के चलते स्वाभाविक तौर पर कुछ पुलिसकर्मी और अधिकारियों को ज्यादा ही अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। क्राइम मीटिंग के दौरान थाना प्रभारी और राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा समझाइश दी गई तथा परंपरागत तरीके से फटकार भी लगाई गई। क्राइम मीटिंग के दौरान प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में कोतवाली थाने की भी कार्रवाई संतोषजनक नहीं पाई गई, जिसके चलते कोतवाली थाना प्रभारी और CSP को लक्ष्य के लिए गंभीरता बरतने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद ही थाना प्रभारी राम भुवन देशमुख कोतवाली पहुंचे और उन्होंने सिक डालकर रवानगी डाल दी। TI के इस कदम से ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग में लंबे समय से अंदरुनी व्यवस्थाएं पूरी तरह बेपटरी थी और उन्हें सुधारने की कोशिश शिद्दत से चल रही है।