शर्मनाक : जिसकी बेटी भाग गई, उस मजबूर पीड़ित पिता से ही नज़राना मांग रहा था थानेदार - khabarupdateindia

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शर्मनाक : जिसकी बेटी भाग गई, उस मजबूर पीड़ित पिता से ही नज़राना मांग रहा था थानेदार


रफीक खान
नोटों की हवस कुछ अफसरों पर किस कदर हावी होती है कि पर शर्म भी भूल जाते हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिला उज्जैन के एक थानेदार ने ऐसे ही नजीर पेश की है। एक नाबालिक बेटी के भाग जाने के बाद पीड़ित पिता पुलिस के सामने इतना मजबूर हो गया कि वह आरोपी को पकड़वाने के लिए रिश्वत देते समय रोने लगा। हालांकि शर्मनाक स्थिति को लोकायुक्त पुलिस की टीम ने अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया। Shameful: The police officer was demanding bribe from the helpless father whose daughter had run away

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने को नलखेड़ा थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर नानूराम बघेल को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। सब इंस्पेक्टर ने यह रिश्वत एक मजबूर पिता से मांगी थी, जिसकी पहचान गुप्त रखी गई है। इस पिता की नाबालिग बेटी को एक लड़का बहला फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया था। आरोपी लड़के को पकड़ने के लिए सब इंस्पेक्टर नानूराम फरियादी पिता से 10 हजार रुपए मांग रहा था। जिसकी शिकायत मजबूर पिता ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में की थी। फरियादी की शिकायत जांच में सही पाए जाने के बाद उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत की पहली किस्त 5 हजार रुपए लेकर उसे रिश्वतखोर सब इंस्पेक्टर के पास भेजा। सब इंस्पेक्टर नानूराम बघेल ने रिश्वत देने के लिए नलखेड़ा थाने में बुलाया और जैसे ही उसने रिश्वत के रुपए लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया। फरियादी ने बताया कि उसकी 16 साल 5 महीने की बेटी 16 नवंबर को लापता हो गई थी। पुलिस में शिकायत की तो मुंबई से 27 नवंबर को बेटी को बरामद कर मुझे सौंप दिया गया लेकिन पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार नहीं किया। बेटी की बरामदगी के लिए मुंबई से लाने का 19 हजार रुपए और रास्ते का खर्च पहले ही पिता दे चुका था। लेकिन इसके बाद भी सब इंस्पेक्टर नानूराम बघेल उससे 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। लोकायुक्त पुलिस की टीम इस रिश्वतखोर थानेदार की और शिकायतों पर भी जांच कर रही है।