रफीक खान
महाराष्ट्र के सतारा जिले में पदस्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश यानी कि डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पर एक मुकदमे में महिला को जमानत देने के नाम पर ₹500000 की मांग की गई थी। इस मामले में जिला जज के अलावा उनके दो सहयोगियों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है तथा उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है। जबकि जिला जज को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र हाई कोर्ट से अनुमति मांगी गई है। FIR against District Judge, demands Rs 5 lakh in lieu of bail, permission sought from High Court for arrest
जानकारी के अनुसार कहां जाता है कि महाराष्ट्र के सतारा जिले का है। एसीबी ने ने यहां के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पीड़िता ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत तीन लोगों की शिकायत पुणे शाखा की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से की थी। पुणे की एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में जमानत के बदले 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने का जिक्र है। शिकायतकर्ता महिला 9 दिसंबर को आरोपी जज के साथ सौदा करने के लिए सतारा पहुंची थी। इस दौरान जज अकेले ही कोर्ट परिसर के बाहर खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे। यहां पहले से मौजूद दो अन्य आरोपी उनका इंतजार कर रहे थे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दोनों लोग रिश्वत का पैसा लेने के लिए महिला के पास पहुंचे थे। महिला ने उनसे कहा कि वह जज के साथ उसकी मुलाकात फिक्स करने वाले व्यक्ति के अलावा किसी और को पैसे नहीं देगी। न्यायाधीश और उनके कथित सहयोगियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7-ए (लोक सेवक से रिश्वत लेना) और 12 (अपराध के लिए उकसाना) तथा नई दंड संहिता बीएनएस की धारा 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।