रफीक खान
मध्य प्रदेश के रतलाम जिला कलेक्टर राजेश बाथम ने एक अनोखा आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब आम जनता और जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि कलेक्टर व एसपी से 100 मीटर की दूरी पर रहने को मजबूर होंगे। इसका पालन न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस आदेश के जारी होने के बाद में न सिर्फ प्रशासनिक हलके में बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। कलेक्टर राजेश बाथम के आदेश पर BAP विधायक कमलेश डोडियार ने तो यहां तक कह डाला कि क्या उनके बाप का राज चल रहा है? आमतौर पर भी कलेक्टर के इस आदेश को बेतुका बताया जा रहा है। "Common public" should stay 100 meters away from Collector-SP, MLA said - Is his "father's rule" running?
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम की ओर से 6 दिसंबर 2024 को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें लिखा गया है कि विभिन्न दलों, संघों व समूहों द्वारा अपनी समस्याओं व मांगों को लेकर आए दिन कलेक्टर कार्यालय और एसपी कार्यालय में जुलूस, धरना प्रदर्शन एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से नारेबाजी की जाती है। जिससे दोनों ही कार्यालयों में होने वाला कामकाज प्रभावित होता है। इसे रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंध की घोषणा की जारी है। अब कलेक्टर कार्यालय व एसपी कार्यालय परिक्षेत्र व उसके बाहर 100 मीटर की परिधि में दल, संघ, संगठन तथा समूह अपनी समस्याओं व मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेगें और न ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग कर सकेंगे। कुछ लोगों का कहना है कि एसपी और कलेक्टर जिले के दो सबसे बड़े अधिकारी होते हैं ऐसे में अगर वही जनता से इस तरह से दूरी बनाएंगे तो फिर जनता की फरियाद व समस्याएं कौन सुनेगा। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भी तत्कालीन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इसी तरह का निर्णय लेते हुए आदेश जारी किया था, जब उक्त निर्णय का विरोध हुआ तो तत्कालीन कलेक्टर ने आदेश वापस ले लिया था। राजस्थान में हुए आदिवासी चिंतन कार्यक्रम में BAP के विधायक कमलेश डोडियार ने इस आदेश को लेकर काफी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं।