रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फिर एक शर्मनाक वाकया सामने आया है। यहां भर्ती मरीज को खून तक नसीब नहीं हुआ। इतने बड़े ब्लड बैंक होने के बाद यहां खून न मिलाना बड़ी हैरत की बात है। खून के अभाव में मरीज की मौत हो गई तो कर्मचारियों ने एक और नई कारतूस पेश करते हुए उसे कड़कड़ती ठंड में बाहर कर दिया। बेटा रात में शव लिए बैठा रहा। रात को कष्ट करते हुए पुलिस मेडिकल परिसर में पहुंची तो उसने एंबुलेंस की व्यवस्था कर कर शव के साथ बेटे को उनके गंतव्य रवाना कर दिया।Blood not found in medical hospital, patient dies, son sitting with dead body in cold due to misdeed of staff
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि ग्राम गढ़ाई करेली जिला नरसिंहपुर निवासी नर्मदा प्रसाद सिलावट को तबियत खराब होने के कारण नरसिंहपुर जिला अस्पताल में भरती कराया था। जहां पर हालत बिगडऩे पर डाक्टरों ने जबलपुर मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया। मेडिकल अस्पताल में भरती कराए जाने के बाद नर्मदा प्रसाद के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा, बीती रात अचानक तबियत बिगड़ी तो डाक्टर पहुंच गए, जिन्होने जांच कर कहा कि जल्द ही खून का इंतजाम करो। इस बात का सुनकर बेटा नारायण खून के इंतजाम में इधर से उधर भागता रहा लेकिन कहीं से भी खून की व्यवस्था नहीं हुई, इस बीच नर्मदा प्रसाद की मौत हो गई। मौत के बाद नर्मदा प्रसाद का शव मेडिकल कर्मियों ने बाहर रखवा दिया। बेटा नारायण भी तेज ठंड के बीच रात को पिता का शव लिए बाहर ही बैठा रहा। देर रात गश्त करते हुए गढ़ा पुलिस पहुंची जिसने नारायण को पिता की लाश के पास बैठे देखा तो पूछताछ की, तब नारायण ने बताया कि पिता नर्मदा प्रसाद के इलाज के दौरान बड़े भाई-भाभी व चाचा सभी लोग थे लेकिन जैसे ही पिता के निधन की खबर सुनी तो सभी लोग चले गए। पुलिस ने बेटे के लिए भोजन आदि की व्यवस्था कर एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई और फिर नरसिंहपुर के करेली रवाना करवा दिया।