रफीक खान
राजनीतिक उलट फेर में आज दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता तथा दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी और अपने मंत्री पद दोनों से ही इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाते हुए लिखा है कि वह सबसे पहले उनको एक विधायक, मंत्री के रूप में दिल्ली के लोगों की सेवा और प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देते हैं। साथ ही यह भी कहना चाहते हैं कि आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां है, यह चुनौतियां बाहर से नहीं बल्कि पार्टी के भीतर से ज्यादा है। पार्टी जिन मूल्यों पर खड़ी हुई थी, जिस मूल्य से जुड़ी रही आज वह नदारत नजर आ रहे हैं। जिनके कारण आम आदमी पार्टी को लोगों ने इतना बढ़ाया, आज वह अपने किए गए वादों से भी बहुत दूर हो गई है। लोगों के मुद्दों अपने किए गए वादों को भूलकर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए लगी हुई है। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के प्रति प्रतिबद्धता ज्यादा ही हावी होती जा रही है। Minister Gehlot resigned, exposed AAP, showed mirror to Kejriwal
अरविंद केजरीवाल को राम और खुद को हनुमान खाने वाले कैलाश गहलोत अचानक से इस मूड में क्यों आ गए? सियासत के गलियारों में खासी चर्चा बनी हुई है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के सुप्रीम नेता अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में गहलोत ने आगे लिखा कि यमुना नदी को ही ले लीजिए, जिसे हमने स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन कभी पूरा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी ज़्यादा प्रदूषित हो गई है। इसके अलावा, अब कई शर्मनाक मामले सामने आ रहे हैं। 'शीशमहल' जैसे अजीबोगरीब विवाद, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं। एक और दर्दनाक बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी जिन आदर्श और मूल्यों को लेकर जनता के बीच आई थी उसका इस तरह से बदलना बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है।