रफीक खान
कांग्रेस शासित केंद्र सरकार में लंबे समय केंद्रीय मंत्री रहे स्वर्गीय माधव राव सिंधिया की मूर्ति को हटाने के दौरान नाकद्री की गई। उनकी मूर्ति के गले में फंदा डालकर उसे हटाया गया। जेसीबी के बकेट से लटकाया गया। इस तरह का मामला जब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और इस कार्य में लगे हुए स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया। जिसमें चार इंजीनियर मुख्य रूप से शामिल है। यह मामला कटनी जिले में सामने आया है। Self. Madhavrao Scindia's statue removed with a noose around its neck, 4 engineers suspended
दरअसल नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा नेशनल हाइवे-30 पीरबाबा से चाका बाइपास का उन्नयनन कराया जा रहा है। यह काम 2020 से चल रहा है। 193 करोड़ रुपए से काम कराया जा रहा है। 22 माह में काम पूरा हो जाना था, लेकिन अभी भी 20 फीसदी शेष है। चाका बाइपास में फ्लाइओवर का निर्माण कराया जा रहा है, ठीक बाजू में जहां पर सडक़ का जंक्शन बनना है, वहां पर पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का स्मारक आ गया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा कटनी के चाका बाय पास में स्थापित स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के विस्थापन प्रक्रिया के तरीके को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये। भारतीय राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण परियोजना निदेशक आनन्द प्रसाद ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 30 के कटनी बायपास मार्ग का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जिसमे चाका जंक्शन का विकास कार्य चल रहा है।जिसमे स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पूर्व से स्थापित थी,। जंक्शन विकास कार्य हेतु उक्त प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिये प्रशासन द्वारा अनुमति प्राप्त कर नये चिन्हित स्थान पर विस्थापित करनी थी।जिसे निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा आपत्तिजनक तरीके से स्थानांतरित करने की जानकारी मिलने पर संबंधित जिम्मेदारों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। आपत्तिजनक तरीके से प्रतिमा विस्थापन के लिए निर्माण कार्य एजेंसी के जिम्मेदार सीनियर इंजीनियर मनोज वर्मा, इंजीनियर आशीष सिंह परिहार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्राधिकरण अभियंता के जिम्मेदार टीम लीडर राजेश कुमार नेमा एवं सहायक ब्रिज इंजीनियर दीपक सोनी को दोषी पाया गया। इन सभी को तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित कर दिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों को भी कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस के अंदर जबाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।