जिंदा युवक का कर दिया पोस्टमार्टम, 4 घंटे डीप फ्रीज़र में रखा, 3 सरकारी डॉक्टर सस्पेंड - khabarupdateindia

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जिंदा युवक का कर दिया पोस्टमार्टम, 4 घंटे डीप फ्रीज़र में रखा, 3 सरकारी डॉक्टर सस्पेंड


रफीक खान
राजस्थान की झुंझुनू से एक बड़ा ही अजीबोगरीब चौँकाने वाला मामला सामने आया है। इतना ही नहीं इसमें लापरवाही की चरम सीमा भी नजर आ रही है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक जिंदा युवक का पोस्टमार्टम कर डाला और उसे 4 घंटे डीप फ्रीजर में भी रखा। मामले का खुलासा तब हुआ, जब उसका अंतिम संस्कार किया जाने लगा तो वह चिता से उठकर बैठ गया। मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर ने जिम्मेदार तीन सरकारी डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है तथा मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। Post mortem of alive youth was done, kept in deep freezer for 4 hours, 3 government doctors suspended

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि मामला जिले के बग्गड़ का है। यहां मां सेवा संस्थान में रह रहे दिव्यांग और मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति रोहिताश को बीते दिनों इलाज के लिए सरकारी बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बेहोशी की हालत में लाए गए शख्स को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। फिर उसके शव को अस्पताल के मोर्चरी में शिफ्ट करा दिया। चार घंटे तक जिंदा शख्स को डीप फ्रीजर में रखने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया और फिर उसे अंतिम संस्कार के लिए मां सेवा संस्थान के लोगों को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के दौरान लोगों ने देखा कि उसकी सांसें चल रही हैं। चिता पर लिटाने के दौरान वह उठकर बैठ गया। जिससे वहां हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। आनन फानन में उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना से सामने आने के बाद तहसीलदार और बगड़ थानाधिकारी को जांच के लिए अस्पताल भेजा। यहां उन्होंने पाया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे को मोड़ दिया गया था, इस कारण ये पूरी घटना कैमरे में कैद नहीं हो पाई। जिला कलेक्टर रामवतार मीणा ने बीडीके अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश जाखड़ और डॉ.नवनीत मील को सस्पेंड कर दिया है। इनके खिलाफ जांच समिति भी गठित की गई है।