रफीक खान
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में पिछले 5 सालों से हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में एक बोर्ड लगाकर कर्मचारियों की आवासीय परिसर के शौचालय और गंदे पानी की नाली को गुप्त नर्मदा का नाम देकर उसे प्रचारित किया गया। यह कृत्य न केवल नर्मदा की पवित्रता का अपमान है बल्कि करोड़ों की तादाद में हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने वाला भी घातक कदम है। इस काम को करने में विश्वविद्यालय कुलपति की अहम भूमिका बताई जा रही है। Playing with the faith of Hindus, "sewerage drain" is being described as "secret Narmada", the handiwork of the Vice Chancellor
जानकारी के मुताबिक हद तो तब हो गई जब कि विश्वविद्यालय में आए अतिथियों, जिनमें मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल, शहडोल कमिश्नर, अनूपपुर कलेक्टर, कई केंद्रीय मंत्री, और अमरकंटक के संत शामिल हैं, को इस गंदे पानी को "गुप्त नर्मदा" मानकर पूजा करने के लिए गुमराह किया गया। यही नहीं, विश्वविद्यालय के सौ से अधिक कार्यक्रमों में उपस्थित लोगों से जबरन विश्वविद्यालय के गीत में "गुप्त नर्मदा" का उल्लेख करवाया गया। तेजी से बढ़ते दबाव के बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला और पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में स्वीकार किया कि तथाकथित "गुप्त नर्मदा" वास्तव में स्टाफ क्वार्टर का गंदा सीवरेज का नाला है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुप्त नर्मदा का अपमानजनक बोर्ड हटा दिया और एसडीएम राजेंद्रग्राम को लिखित में दिया कि "गुप्त नर्मदा" का साईन बोर्ड हटा दिया गया है। इस स्वीकारोक्ति से कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी अपने धार्मिक और नैतिक अपराधों से मुक्त नहीं हो सकते। उन्होंने पांच वर्षों तक जानबूझकर इस झूठ का प्रचार किया, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया। यह एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए तत्काल कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस मामले को लेकर श्रीधर शर्मा (अधिवक्ता) १००८ परम धर्म संसद शहडोल अमरकंटक थाना में लिखित शिकायत करके नर्मदा मैय्या एवं हजारों हिन्दू धर्म के लोगों के पूजा करने के आस्था से खिलवाड़ एवं अपवित्र सीवरेज के पानी को गुप्त नर्मदा बताकर शब्दों, संकेतों, चित्रों से हिन्दू जाति, हिन्दू धर्म का अपमान करने, हिन्दू युवाओं में आस्था से खिलवाड़ करने हिंसा भड़काने, सार्वजनिक सद्भाव और शांति को भंग करने के मामले में प्रो श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी पर तत्काल अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करने का आवेदन थाना प्रभारी अमरकंटक को दिया है। श्रीधर शर्मा ने बताया की पिछले पांच वर्षों में, मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह, और कई मंत्री, आईएएस, आईपीएस अधिकारी, संत, आम जनता और छात्र—इन सभी को अनजाने में इस घोर आपत्तिजनक कृत्य का भागीदार बनाया गया। अब जब इन लोगों को इस अपमानजनक सच्चाई का पता चला है, तो वे इसे अपने ऊपर एक पाप के रूप में अनुभव कर रहे हैं और गहरा दुख महसूस कर रहे हैं। प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी ने जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे से हिंदू धर्म और नर्मदा मैय्या के प्रति असीम श्रद्धा रखने वाले भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का संगीन कार्य किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बहने वाले सीवरेज के गंदे नाले के पानी को गुप्त नर्मदा का नाम देकर समाज की आराध्य देवी नर्मदा मैय्या का अपमान किया है। यह कृत्य न केवल नर्मदा परिक्रमा वासियों के धार्मिक नियमों और परंपराओं का उल्लंघन करता है, बल्कि सार्वजनिक शांति और सद्भाव को भंग करने वाला भी है।