रफीक खान
मध्य प्रदेश की बीना से विधायक निर्मला सप्रे एक ऐसी जनप्रतिनिधि है, जो दो पाटो के बीच फंस गई है। दरअसल वो जीती तो कांग्रेस की टिकट पर थी लेकिन बाद में उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वह भारतीय जनता पार्टी के दामन थामने का मन बना चुकी थीं हालांकि भारतीय जनता पार्टी में विधिवत प्रवेश उन्होंने नहीं लिया और वह अभी भी कांग्रेस की ही सदस्य है। इस सबके चलते अब हालात यह हो गए हैं कि ना उन्हें बीजेपी वाले अपनाने को तैयार हैं और ना ही अब कांग्रेस के लोग उन्हें अपना मान रहे हैं। विधायक खुद भी बहुत पशोपेश में उलझ गई है। Neither BJP nor Congress, MLA Nirmala Sapre
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि वे विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकिट पर जीती थीं लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं। हालांकि अभी तक न तो उन्होंने औपचारिक तौर पर बीजेपी की सदस्यता ली और न ही विधानसभा से त्यागपत्र दिया। बीना को जिला घोषित करने की मांग को लेकर उन्होंने सत्ताधारी दल से नज़दीकी बढ़ाईं थी लेकिन पुनर्गठन आयोग गठित कर सरकार ने इस मुद्दे को फिलहाल टाल दिया है। कांग्रेस ने दलबदल विरोधी कानून के आधार पर बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा में आवेदन दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के इस आवेदन पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने नोटिस जारी कर दिया। इसके जवाब में निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने की बात कही है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अगले 7-8 दिनों में फैसला संभावित है। निर्मला सप्रे इस मामले को टालना चाहती हैं। यही वजह है कि पूर्व के दो नोटिस पर उन्होंने अलग अलग कारण बताते हुए समय मांगा। अब वे विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने की बात कह रहीं हैं। इधर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि शीतकालीन सत्र के पहले निर्मला सप्रे के मामले का निराकरण नहीं किया तो हम कोर्ट जाएंगे। निर्मला सप्रे का स्थानीय बीजेपी में भी तगड़ा विरोध हो रहा है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आनेवाले रामनिवास रावत की करारी हार के बाद तो ऐसे कार्यकर्ताओं, नेताओं के हौसले और बुलंद हो गए हैं। प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार खुरई विधायक पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह तो स्पष्ट कह चुके हैं कि कांग्रेस से आए नेताओं को वे स्वीकार नहीं कर पाएंगे।