"बुजुर्गों" की "सुध" लेने वाले IPS का तबादला, सोशल मीडिया पर बताया जा रहा TK विद्यार्थी को "रॉबिन हुड" - khabarupdateindia

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"बुजुर्गों" की "सुध" लेने वाले IPS का तबादला, सोशल मीडिया पर बताया जा रहा TK विद्यार्थी को "रॉबिन हुड"


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में पदस्थ डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी का नाम अचानक से सुर्खियों में आ गया है। उनके नाम की चर्चा होने के पीछे कारण है, सोमवार को किया गया उनका तबादला। आम लोगों या पुलिस वालों के अलावा बुजुर्गों को उनका ट्रांसफर कुछ ज्यादा ही खल रहा है। सरकार का यह निर्णय बुजुर्गों को रास ना आना लाजिमी भी है क्योंकि आईपीएस अधिकारी तुषार कांत विद्यार्थी ने उम्र की बुलंदी पर जीवन यापन कर रहे वयोवृद्ध लोगों की न सिर्फ सुध ली बल्कि उनके लिए "आस्था" नाम का एक अभियान ही चला रखा है। बुजुर्ग इस आईपीएस अधिकारी को अपने बच्चों से ज्यादा चाहते हैं और उनके तबादला होने के बाद सोशल मीडिया पर अपना "रॉबिन हुड" तक लिख रहे हैं।IPS who took care of "elderly" transferred, TK student being described as "Robin Hood" on social media

गौरतलब है कि बुजुर्गों के लिए शुरू किए गए आस्था अभियान में उन्होंने अकेले रहने वाले बुजुर्गों को न केवल सूचीबद्ध किया बल्कि उनकी सुविधा के लिए विशेष प्रयास किये। कॉलोनी मोहल्ले में बुजुर्गों की टोली बनाकर उनके बीच जाकर डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी ने नई मिसाल कायम की है। बतौर पुलिस अधिकारी उन्होंने अनेक पुण्य कार्य किए हैं। TK विद्यार्थी मध्य प्रदेश के ऐसे जाबांज आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें 2 बार राष्ट्रपति वीरता (शौर्य) पदक एवं अन्य विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। विद्यार्थी का यह भी रिकार्ड रहा है कि वह जिस भी जिले में एसपी रहे हैं, वह अपराधों के नियंत्रण तथा जनहित में उन्होंने काम किया।अभियानों और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए वह प्रशंसित भी हुए हैं। निवाड़ी एसपी रहते हुए विद्यार्थी के निर्देशन में त्वरित रूप से कार्यवाहियों के परिणाम स्वरूप सीएम हेल्पलाइन शिकायत निवारण में निवाड़ी जिले को प्रदेश भर में पहला स्थान प्राप्त हुआ था। बुजुर्गों का सोशल मीडिया पर कहना है कि उन्होंने तो आज तक ऐसा आईपीएस अधिकारी नहीं देखा, जो उनके घर पर आकर उनकी खैर खबर ले रहा हो, उनका जन्मदिन मना रहा हो, उनकी सुरक्षा के लिए अपने मातहत पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर रहा हो। सोशल मीडिया पर ही एक बुजुर्ग ने टिप्पणी की है कि आईपीएस विद्यार्थी का तबादला सियासी और प्रशासनिक खींचतान का हिस्सा है लिए। विद्यार्थी के तबादले से बुजुर्गों की खैर खबर लेने वाले आस्था अभियान को काफी ठेस पहुंची है और यह अभियान निश्चित तौर पर प्रभावित भी होगा।