रफीक खान
उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के NICU में भीषण आग लग गई। इस घटना में 10 बच्चों की मौत हो गई। जबकि दो दर्जन से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें लगातार निगरानी के बीच उपचार प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ बच्चों की सुरक्षित होने का भी दावा किया जा रहा है। बच्चा वार्ड के NICU में 54 बच्चे होने की बात की जा रही है। घटना की सूचना के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व अनेक जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच गए। यह घटना देर रात करीब 11:00 बजे घटित हुई और इसके पीछे प्रथमदृष्टया शॉर्ट सर्किट का कारण सामने आ रहा है, हालांकि सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। Fire in NICU of Medical College Hospital, 10 newborns died, two dozen seriously burnt
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक झांसी के मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने कहा कि 10 बच्चों की दुखद मृत्यु हई है। हम परिजनों के साथ मिलकर पर बच्चों की पहचान कर रहे हैं कि वह किनके हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। पहली जांच शासन स्तर पर होगी, दूसरी जांच जिले स्तर पर होगी। तीसरी जांच मजिस्ट्रेट स्तर पर होगी। जो भी कारण होंगे, उसे लोगों के सामने हम रखेंगे। सबसे बड़ी बात है कि हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि हादसा किस वजह से हुई है। बच्चों के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद हम जिला प्रशासन के संपर्क में हैं। हम पता लगाने की कोशिश करेंगे कि किसकी लापरवाही है। जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे चिकित्सकों ने बहादुरी के साथ बच्चों को बचाने का काम किया है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चे घायल बच्चों को उच्च स्तरीय इलाज दें। अस्पताल का फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ है। जून माह में हमने यहां मॉक ड्रिल भी किया था लेकिन यह घटना क्यों घटी, पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद हम कह पाएंगे। अभी जो वर्तमान स्थिति हैं, 17 बच्चे हमारे हॉस्पिटल में हमारे पास हैं। 4 बच्चे प्राइवेट में ले गए हैं, 3 मातृत्व ले गए हैं, एक ललितपुर ले गए हैं, 6 बच्चे यहीं अपनी माता के पास हैं। जिन 10 बच्चों की मौत हुई है, उसमे से 7 की पहचान हो गई है। बच्चों को बचाने के लिए दमकल कर्मियों के अलावा अन्य मौजूद लोगों ने काफी मेहनत की और यहां तक की खिड़की तोड़कर बच्चचों को बाहर लाया गया। आग बुझाने के बाद बच्चों को शिफ्ट करने और उनके पर्याप्त उपचार व्यवस्था करने के अलावा मामले की हर बिंदु पर जांच शुरू हो गई है।