रफीक खान
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े दर्शनीय स्थल महाकाल में अब रेडियो फ्रिक्वेंसी बेल्ट बाँधने के बाद ही दर्शन हो पाएंगे। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु रेडियो फ्रीक्वेंसी बेल्ट बनवाने के बाद ही भस्मआरती मे दर्शन कर पायेंगे। अभी पुलिस बाले और कतिपय पंडे जनता को अनधिकृत प्रवेश करवा देते हैं। इसके बाद अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगेगी और यह पता लगेगा कि अनुमति कितनो को दी गई है और कितनो ने दर्शन करे। ट्रायल कम्प्लीट हो गया है। इंदौर की कंपनी यह काम कर रही है। ये ठीक वैसा ही होगा जैसे किसी बड़े कंसर्ट मे और स्टेज शो मे होता है, प्रवेश करते समय RFID बेल्ट बांधा जाता है। Mahakal Darshan now through radio frequency, new arrangement after Diwali, belt will have to be tied
महाकाल मंदिर में रोज सुबह होने वाली महाकाल भस्म आरती में एंट्री के लिए दिवाली के बाद से सभी भक्तों को अपनी कलाई पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी (आरएफआईडी) बैंड पहनना अनिवार्य होगा। इसके लिए बना एप, कम्प्यूटर, स्कैनर और प्रिंटर अगले सप्ताह तक मंदिर में इंस्टॉल हो जाएंगे, टेस्टिंग के बाद नवंबर महीने से भस्म आरती में प्रवेश आरएफआईडी से ही होगा। फिलहाल इसे यूज एंड थ्रो वाले कागज का बनवाया गया है, जिसमें बारकोड स्कैनर के साथ-साथ नाम, उम्र, पता, तारीख और समय भी प्रिंट होगा। भस्म आरती में टिकट दिखाने के बाद श्रद्धालु मानसरोवर से एंट्री करने के बाद सभी प्रमुख गेट पर आरएफआईडी बैंड की सुविधा होगी। साथ ही सभी भक्तों को भस्म आरती के दौरान इसे पहनना अनिवार्य होगा। कहा जाता है कि महाकाल मंदिर की भस्म आरती में अभी फिलहाल अधिकतम 1600 श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलता है। 300 टिकट ऑफलाइन, 400 ऑनलाइन और बाकी की प्रोटोकॉल के तहत अनुमति दी जाती है। श्रद्धालु एक दिन पहले प्रोटोकॉल और ऑफलाइन के जरिए परमिशन ले सकते हैं। ऑनलाइन के जरिए 3 महीने पहले बुकिंग करा सकते हैं।