Rtd IPS के साथ 381 करोड़ की ठगी, पुलिस ने दर्ज़ की FIR, हो रही जाँच - khabarupdateindia

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Rtd IPS के साथ 381 करोड़ की ठगी, पुलिस ने दर्ज़ की FIR, हो रही जाँच


रफीक खान
एक रिटायर्ड आईपीएस के साथ 381 करोड रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। एक समय भगवान श्री कृष्ण की राधा बनकर सोलह श्रृंगार के साथ चर्चाओं में आए रिटायर्ड आईपीएस अब एक बड़ी ठगी के मामले में सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने पुलिस तथा NIA वा सीबीआई से इस मामले की जांच करने की मांग की है। हालांकि संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। रिटायर्ड आईपीएस का दावा है कि उनके साथ में यह बड़ी ठगी हुई है। Rtd IPS cheated of Rs 381 crore, police registered FIR, investigation is going on

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी महानिरीक्षक (आईजी) रहते सोलह श्रृंगार करके राधा होने का दावा करने वाले पूर्व आईपीएस अफसर डीके पांडा ने 381 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का दावा किया है। पांडा ने दावा किया है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से उन्होंने ये पैसे कमाए थे जो अब तक उनके बैंक खाते में नहीं आए हैं। अब प्रयागराज में बाबा कृष्णानंद के नाम से रह रहे डीके पांडा ने धूमनगंज थाने में 381 करोड़ की ठगी का दावा करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। राधा रूप में दफ्तर आने के कारण विवाद के बाद पांडा ने रिटायरमेंट से दो साल पहले इस्तीफा दे दिया था। पांडा का दावा है कि 381 करोड़ रुपये लंदन की निवेश कंपनी में उनकी लाभ की राशि है। प्रयागराज के प्रीतम नगर में रहने वाले पांडा ने तहरीर में बताया है कि कुछ समय पहले उनकी राहुल नामक युवक से ऑनलाइन पहचान हुई थी। उसी के सुझाव पर उन्होंने लंदन की फिन्नीएक्स ग्रुप डाॅट काॅम में रुपये निवेश किए थे। इसके बदले उन्हें 381 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया। पांडा के मुताबिक जब वे रुपये निकालने बैंक गए तो पता चला कि पैसा खाते में आया ही नहीं है। इसकी शिकायत करने पर 25 अक्तूबर की दोपहर आरव शर्मा नामक व्यक्ति ने वाट्सएप काॅल किया। उसने खुद को राजस्थान का मूल निवासी और साइसेक साइप्रस में कार्यरत बताया। उसने रुपये की निकासी के लिए टैक्स, ट्रांजेक्शन फीस आदि के नाम पर 8 लाख रुपये जमा कराने की बात कही। जब डीके पांडा ने पैसे देने से मना किया तो आरोपी ने अपशब्द कहे और पांडा का आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज का इस्तेमाल टेरर फंडिंग में करने और उनकी कमाई के रुपये आतंकियों को देकर उन्हें फंसाने की धमकी दी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है।