रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने एक आदेश जारी कर पुलिस कर्मियों को चेताया है कि वह यहां वहां चलने वाले जुआ पदों पर बिना किसी राजपत्रित पुलिस अधिकारी या थाना प्रभारी के अनुमति के न पहुंचे और खास तौर से कुआं, बावली, नहर, नदी, तालाब के नजदीक वाले जुआ फड़ो पर तो फिर बिल्कुल भी झांकने की कोशिश ना करें।
Beware! If you are caught gambling without the permission of CSP and TI Sahab, do not go near the river, pond or well.
इस आदेश को देखकर तो प्रथम दृष्टया लोगों को ऐसा लगा जैसे कि एसपी साहब के आदेश से जुआ खेलने वालों को परमिशन मिल गई है लेकिन इस आदेश के पीछे सबसे बड़ी बात यह है कि दीपावली से लेकर ग्यारस तक जुआ खेलने का प्रचलन काफी है और इसकी शिकवा शिकायतें भी पुलिस तक पहुंचती है। पुलिस भी इस तरह की शिकायतों को पाकर आपा धापी में जुआ पकड़ने के लिए पहुंच जाती है और कई बार बड़ी घटनाएं हो चुकी है। जो पुलिस की गले का जंजाल बन चुकी है। पुलिस को इन जनजालों से बचने के लिए ही पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय द्वारा उक्त आदेश जारी किया है। जिसमें स्पष्ट लिखा है की खास तौर से इस बात का ध्यान रखा जाए कि जहां जुरियों के भागने के दौरान किसी की जान जा सकती हो वहां बिल्कुल ना जाए और जुआ फड़ों पर कार्रवाई के पूर्व में थाना प्रभारी और वहां के इस आदेश को देखकर तो प्रथम दृष्टया लोगों को ऐसा लगा जैसे कि एसपी साहब के आदेश से जुआ खेलने वालों को परमिशन मिल गई है लेकिन इस आदेश के पीछे सबसे बड़ी बात यह है कि दीपावली से लेकर ग्यारस तक जुआ खेलने का प्रचलन काफी है और इसकी शिकवा शिकायतें भी पुलिस तक पहुंचती है। पुलिस भी इस तरह की शिकायतों को पाकर आपा धापी में जुआ पकड़ने के लिए पहुंच जाती है और कई बार बड़ी घटनाएं हो चुकी है। जो पुलिस की गले का जंजाल बन चुकी है। पुलिस को इन जनजालों से बचने के लिए ही पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय द्वारा उक्त आदेश जारी किया है। जिसमें स्पष्ट लिखा है की खास तौर से इस बात का ध्यान रखा जाए कि जहां जुरियों के भागने के दौरान किसी की जान जा सकती हो वहां बिल्कुल ना जाए और जुआ फड़ों पर कार्रवाई के पूर्व में थाना प्रभारी और वहां के राजपत्रित पुलिस अधिकारी को आवश्यक रूप से सूचित कर निर्देश प्राप्त करें। तब जाकर कार्रवाई को संपादित करें। पुलिस अधीक्षक ने अपने आदेश में यह भी उल्लेखित किया है कि जहां भी जुआ फड़ अगर पहली मंजिल या उससे अधिक ऊपर की मंजिलों पर चल रहा है तो वहां पर कार्रवाई न की जाए। पत्र में इस बात हो भी कहा गया है कि पुलिस अपनी उपस्थिति का ऐसा प्रभावी अहसास कराए कि जुआरी को भगाने की आवश्यकता ना पड़े बल्कि वह खुद ही भाग जाए।