रफीक खान
मध्य प्रदेश के सीहोर जिला अंतर्गत इच्छावर तहसील में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने राजस्व हमले के साथ मिली भगत कर लाखों रुपए की जमीन हड़प ली। 45 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम पर दर्ज कराने के इस मामले का खुलासा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया है। दिग्विजय सिंह ने इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को भी लिखा है तथा इस पूरे मामले की जांच करवा कर दोषियों के Upgrade कार्रवाई की भी मांग की है। BJP leader along with revenue staff grabbed 45 acres of land, Ex CM wrote letter to CM
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कांग्रेस नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में उल्लेखित किया है प्रिय डॉ. मोहन यादव जी, सीहोर जिले की इछावर तहसील के पटवारी अधिकांश शर्मा ने स्थानीय भाजपा नेता शंकर जयसवाल एवं अन्य लोगों के साथ सांठगांठ कर 18.593 हेक्टेयर कृषि भूमि में हेराफेरी कर बड़ा जमीन घोटाला किया है। मूल किसान की जमीन पर धोखाधड़ी कर फर्जी पेपर तैयार किये और किसान क्रेडित कार्ड बनवाकर लाखों रूपये निकाल लिये। इस मामले की उच्च स्तर से जांच कराई जाये। इसमें कई अन्य लोगों के शामिल होने की जनचर्चा है। बैंक के अफसर भी संलिप्त नजर आ रहे हैं। सत्ताधारी दल के लोगों के शामिल होने से मैं निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा हूँ।
राजस्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आती है जमीन
गौरतलब है कि कि इछावर तहसील मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र में आती है। राजस्व मंत्री के क्षेत्र में पटवारी द्वारा इस प्रकार की धांधली करना आश्चर्यचकित करता है। मामला सामने आने पर तहसीलदार ऋतु भार्गव द्वारा पटवारी सहित अन्य लोगों के विरूद्ध फर्जी तरीके से कृषि भूमि अपने नाम करने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। आरोपियों ने गुपचुप तरीके से करीब 45 एकड़ जमीन अपने लोगों के नाम कर राजस्व रिकार्ड में नाम दर्ज करा ली। ग्राम खजूरिया घेंघी निवासी भूमि स्वामी बाबूलाल पिता चैनसिंह की शिकायत के आधार पर तहसीलदार द्वारा मामले की जब जांच की गई तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसमें कम्प्यूटर में दर्ज राजस्व खसरे के रिक्त स्थान पर फर्जी भूमि स्वामियों के नाम दर्ज कर जमीन उनके नाम कर दी। इस प्रकरण में मूल रिकार्ड तलाशा गया तो दिलीप सिंह जाट, इमाम खां, शंकरलाल कलाल, अनार सिंह, करामत खां के नाम से अलग भूमि का मालिकाना हक राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया।
नेताजी साथ है तो फिर डर काहे का
भूमि घोटाला करने वाले आरोपी यही नहीं रूके। दिलीप जाट और अन्य आरोपियों ने पटवारी से भूमि स्वामी की बही बनवाकर एच.डी.एफ.सी. बैंक की देवास शाखा से, आई.सी.आई.सी.आई बैंक की आष्टा शाखा और सीहोर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर लाखों रूपये निकाल लिये। बैंक प्रबंधकों की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है। जिन्होने इछावर तहसील के किसानों को फर्जी कामकाज के आधार पर देवास और सीहोर की शाखाओं से ऋण दे दिया। यह पूरा घोटाला वर्ष 2017 से 2019 के दौरान किया गया, जब पटवारी अधिकांश शर्मा खजूरिया घेंघी हल्के में पदस्थ होकर आरोपियों के साथ मिलकर जमीन खुर्दबुर्द कर रहा था। इमाम खां नामक आरोपी से अलग-अलग बैंकों से के.सी.सी. बनवाकर ऋण लिया। वर्ष 2019 से 2023 तक यह व्यक्ति फर्जी भूमि स्वामी बना रहा। फिर 15 जून 2023 में इमाम खां ने यह जमीन राय सिंह मेवाड़ा को बेच दी। जिसकी शिकायत भूमि स्वामी बाबूलाल ने एम.डी.एम. और तहसीलदार से की। जिसके आधार पर यह घोटाला सामने आया है।