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रफीक खान
मध्य प्रदेश की इंदौर हाई कोर्ट से एक बड़ी सनसनीखेज खबर सामने आई है। खबर यह है कि हाई कोर्ट ने धार जिले में पदस्थ कलेक्टर तथा वहां के तत्कालीन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के बाद आईएएस अधिकारियों में भी हड़कंप की स्थिति बन गई है। दरअसल हाई कोर्ट द्वारा एक कर्मचारी की सेवा बहाली के मामले में बरती गई लापरवाही के चलते यह आदेश जारी किया गया है। Arrest Dhar Collector and CEO and produce him, High Court issued order.जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार के कलेक्टर प्रियांक मिश्र और जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ यह गिरफ्तारी वांरट धार जिले की नालछा ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ मिथुन चौहान की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मिथुन चौहान स्वास्थ खराब होने के कारण एक दिन उपस्थित नहीं हो सके तो उन्हें पद से हटा दिया गया। कोर्ट ने उन्हें दोबारा नौकरी पर रखने का आदेश दिया जिसका पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की जिस पर कोर्ट ने कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीईओ को भी तलब किया। दोनों अधिकारी नहीं आए तो कोर्ट ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। हाई कोर्ट ने इस आदेश की तमिल सुरक्षित करने के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया हुआ है। गौरतलब है कि प्रियंक मिश्रा जबलपुर में एडिशनल कलेक्टर के रूप में पदस्थ रह चुके हैं।