रफीक खान
हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 12वीं कक्षा के छात्र पंडित आर्यन मिश्रा को कथित गौ रक्षकों ने 30 किलोमीटर पीछा कर गौ तस्कर समझते हुए गोली मार दी। गौ रक्षों को सूचना मिली थी कि कुछ लड़के गौ तस्करी में शामिल है और वह कहीं जा रहे हैं, बस इसी सूचना और शंका के आधार पर उन्होंने 30 किलोमीटर तक पंडित आर्यन मिश्रा का पीछा किया और दनादन फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। घटना यूं तो 23 अगस्त की है लेकिन मामला दबा रहा। पुलिस ने जब आरोपियों को दबोच लिया और उन्होंने खुद यह सब स्वीकार किया, तब पुलिस ने 3 सितंबर को मामले का पूरा खुलासा किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जाता है कि इस मामले के पांच आरोपी अभी तक गिरफ्तार हो चुके हैं। आर्य़न के पिता का बयान भी सामने आया है और उन्होंने पूछा है कि गौ-तस्करी के शक में गोली मारने का अधिकार कौन देता है? आर्यन मिश्रा के पिता सियानंद मिश्रा का कहना है कि ''मेरा बेटा आर्य़न मिश्रा 12वीं का छात्र था। मुझे कोई जानकारी नहीं थी, बाद में पता चला कि गाय तस्करी के शक में मेरे बेटे को गोली मार दी गई। गाय की तस्करी के शक में किसी को गोली मारने का अधिकार कौन देता है। मोदी सरकार ने गोली मारने का अधिकार दिया है? तो क्यों दिया है? पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए है। मेरा बेटा किसी को नहीं जानता था। हम पंडित है, हमारी किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम सौरभ, अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा और आदेश हैं। ये पांचों 23 अगस्त को रात को गाय के तस्करों पर नजर रख रहे थे और जिस गाड़ी में आर्यन मिश्रा अपने दोस्तों के साथ जा रहा था, उन्हें रुकने के लिए कहा पर यह रुके नहीं। इसलिए कथित गौ रक्षकों ने आर्यन मिश्रा की कार का पीछा किया। कार न रुकने पर आरोपियों ने दनादन फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि पुलिस अभी इस मामले की और भी एंगल से जांच कर रही है।