SC कोलेजियम की सिफारिश संवेदनशील सूचना पर बदली, अब MPHC के CJ होंगे सुरेश कैत - khabarupdateindia

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SC कोलेजियम की सिफारिश संवेदनशील सूचना पर बदली, अब MPHC के CJ होंगे सुरेश कैत


रफीक खान
भारत की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की संवेदनशील सूचना के बाद अपनी सिफारिश को तब्दील कर दिया है। मध्य प्रदेश समेत तीन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के नाम में भी परिवर्तन हो गया है। कॉलेजियम द्वारा पूर्व में जिन न्यायाधीशों के नाम पर मोहर लगाई थी, उन्हें बदला तो नहीं गया है लेकिन जिन हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका चयन हुआ था, अब वह बदल गया है। मध्य प्रदेश में अब सुरेश कैत हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की आसंदी संभालेंगे। SC Collegium's recommendation changed on sensitive information, now Suresh Kait will be the CJ of MPHC

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई और जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की सदस्यता वाली कॉलेजियम ने मंगलवार को नामों पर फिर से विचार किया। कॉलिजियम ने पहले जस्टिस सुरेश कुमार कैत जो जम्मू-कश्मीर ऐंड लद्दाख हाई कोर्ट, जस्टिस जी एस संधवालिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और जस्टिस ताशी रबस्तान को मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी। अब जस्टिस राबस्तान का नाम जम्मू-कश्मीर ऐंड लद्दाख हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए भेजा गया है। यही उनका पैरेंट हाई कोर्ट भी है। इसी तरह जस्टिस कैत का नाम मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस संधवालिया का नाम हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए भेजा है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत अनुसूचित जाति के हैं। ऑल इंडिया सीनियोरिटी लिस्ट ऑफ हाई कोर्ट जजेस की सूची में पांचवें स्थान पर हैं। वे एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की जगह लेंगे। संजीव सचदेवा पंजाब, हरियाणा हाई कोर्ट से जबलपुर आए हैं। उनसे पहले न्यायमूर्ति शील नागू मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस थे। जस्टिस सुरेश कुमार कैत हरियाणा के कैथल जिले से हैं। उनका जन्म 24 मई 1963 को कैथल के काकौत गांव में हुआ था। जस्टिस कैत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पूरी की। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने 1989 में खुद को वकील के तौर पर पंजीकृत कराया था। शुरुआत में जस्टिस कैत ने केंद्र सरकार, भारतीय रेलवे और यूपीएससी के लिए केस लड़े। 2008 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर नियुक्त किया गया। 2013 में उन्हें स्थायी जज के पद पर पदोन्नत किया गया।