रफीक खान
हरियाणा में चुनावी मौसम उथल-पुथल मचा रहा है। तरह-तरह की समीकरण और प्रयासों के बीच इस समय राम रहीम को 6 बार मिलने वाली पैरोल और फर्लो पर भी जमकर निशाना साधा जा रहा है। दरअसल राम रहीम जिस जेल में कैदी रहे हैं, वहीं जेल सुपरिंटेंडेंट रहे सुनील सांगवान को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में चरखी दादरी विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है। Jailer will contest elections, prisoner will campaign, issue of Ram Rahim getting parole 6 times is going viral. सोशल मीडिया पर लोग इस संबंध और समीकरण पर जमकर टिप्पणियां कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर जारी की गई पहली सूची में ही सुनील सांगवान का नाम घोषित हुआ है।
कहा जाता है कि चरखी दादरी से बीजेपी उम्मीदवार सुनील सांगवान रोहतक जेल के अधीक्षक रह चुके हैं और उनके जेल अधीक्षक रहते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 6 बार फरलो या परोल मिल चुकी है। हालांकि सुनील सांगवान फिलहाल गुरुग्राम की भौंडसी जेल में तैनात थे और रविवार को ही जेल अधीक्षक के पद से वीआरएस ले लिया है।सुनील सांगवान वर्ष 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। वे वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक रोहतक जेल के अधीक्षक रहे थे। इसी दौरान अगस्त 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला में हिस्सा के बाद रोहतक जेल लाया गया था। बाद में सीबीआई कोर्ट के विशेष जज जगदीप सिंह ने जेल में कोर्ट स्थापित कर 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई। रणजीत सिंह हत्याकांड में तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था। सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। वे चरखी दादरी से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि जीत सिर्फ 2 बार ही मिली थी। राम रहीम की पैरोल और सुनील सागवान के जेलर होने का संबंध कुछ हो या ना हो लेकिन सियासत में इन सबके बहुत मायने गिने जाते हैं।