रफीक खान
भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर के अधिकारी संजीव हंस पर की गई आय से अधिक संपत्ति के मामले की पड़ताल में बड़े चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पड़ताल के दौरान एसवीयू जांच दल को पता चला है कि उन्होंने प्रीपेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को काम देने के बदले उससे रिश्वत के तौर पर मर्सिडीज़ कर भी ली थी। यह मर्सिडीज़ कर उनके साले के दोस्त के नाम पर पाई गई है। इस मामले में एक विधायक पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। जांच पड़ताल का दौर अभी भी जारी है। आईएएस अधिकारी संजीव हंस द्वारा जिस तरह के भ्रष्टाचार किए गए हैं, उससे ऐसा लगता है कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण खुलासे और होंगे। IAS took Mercedes car for bribe, case of disproportionate assets, FIR against MLA too
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार के आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत एक दर्जन भर से ज्यादा आरोपियों पर SVU ने एफआईआर (FIR) दर्ज की है। एफ़आईआर के बाद अब संजीव हंस को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे सामने आने लगे हैं। आईएएस संजीव हंस ने प्री पेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को काम देने के बदले घूस के तौर पर मर्सिडिज कार ली थी।आईएएस संजीव हंस के साले गुर बलतेज सिंह की फेसबुक एकाउंट खंगालने पर इस कार के साथ उसकी पोज देते हुए फोटो भी मिली। यह कार 2023 में खरीदी गई थी किंतु इसका निबंधन गुरुग्राम में रहने वाले तरुण राघव नाम के व्यक्ति के नाम पर है, जो गुर बलतेज सिंह का दोस्त है। इस कार को 2022 में झारखंड स्थित कंपनी एसके एंड सन्स इंटरप्राइजेज के नाम पर सबसे पहले खरीदी गई। फिर इसे तरुण के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। भ्रष्टाचार का माल एडजस्ट करने के लिए आईएएस अधिकारी ने मैनेजमेंट करने की भी काफी अच्छी कोशिश की थी।