MP में आर्मी की ट्रेन उड़ाने रेल पटरी पर बिछाए डेटोनेटर, पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ, ATS, NIA जांच में जुटी - khabarupdateindia

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MP में आर्मी की ट्रेन उड़ाने रेल पटरी पर बिछाए डेटोनेटर, पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ, ATS, NIA जांच में जुटी


रफीक खान
इन दिनों साजिशों और शरारतों के रडार पर भारतीय रेल की पटरिया चल रही है। आए दिन रेल पटरी पर कहीं गैस का सिलेंडर तो कहीं पत्थर और लोहे के बड़े टुकड़े रखे हुए मिलते चले आ रहे हैं। अब मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से गुजरने वाली रेल पटरी पर डेटोनेटर रखे होने का मामला प्रकाश में आया है। यह घटना यूं तो है तीन दिन पहले की लेकिन मामले को गोपनील तरीके से जांच के दायरे में रखा गया है। भारतीय रेल की सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग के अलावा उनकी विजिलेंस, जीआरपी, आरपीएफ, मध्य प्रदेश पुलिस का जिला पुलिस बल, सेना पुलिस, एटीएस तथा एनआईए जैसी तमाम एजेंसियां साजिश करने वालों का पता लगाने में जुटी हुई है। रेलवे ट्रैक पर की जा रही इस तरह की कोशिशें की चंद दिनों में मिली ने सूचनाओं ने रेल दुर्घटनाओं को तो रोक दिया लेकिन जिम्मेदारों की चिंता बेहद बढ़ गई है। Detonators laid on railway tracks to blow up army train in MP, Police, GRP, RPF, ATS, NIA engaged in investigation

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि बुरहानपुर में सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन में विस्फोट की कोशिश की गई। इसके लिए नेपानगर में रेलवे ट्रैक पर हेटोनेटर बिछाए गए। ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फूट गए। इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई। उक्त घटना 18 सितंबर की है। दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सागफाटा से डोंगरगांव के बीच 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट के अंतराल से रखे गए थे। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इसमें आर्मी के अफसर, कर्मचारी और हथियार थे। मामले को रेलवे मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है। आर्मी के अधिकारी भी जांच में जुटे हैं। वे पूछताछ के लिए चाबीदार और ट्रैकमैन की कस्टडी मांग रहे हैं। मध्य रेलवे भुसावल मंडल के पीआरओ जीवन चौधरी ने कहा है कि अभी मामले की जांच चल रही है। डॉग स्क्वायड की मदद से भी छानबीन की जा रही है।सागफाटा स्टेशन के कंट्रोल रूम में नेपानगर से ट्रैक पर डेटोनेटर होने की सूचना दी गई। जिसके बाद ट्रेन को दोपहर करीब ढाई बजे सागफाटा स्टेशन पर आधे घंटे तक रोका गया। ट्रैक पर रखे डेटोनेटर 2014 के बताए जा रहे हैं। यह पांच साल के लिए ही वैध रहते हैं। छठवें साल में इनका टेस्ट होता है। इन्हें रेलवे ही बनाता है। हमारे देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां इस तरह की तमाम साजिशें पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही करतूतबाजों को दबोचा जाएगा।