रफीक खान
मध्य प्रदेश के शासकीय प्राथमिक शालाओं में पदस्थ 500 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा आ खड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में जिलों के शिक्षा अधिकारियों यानी कि DEO को पत्र भी भेज दिया है। दरअसल b.Ed डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त करने के निर्देश जारी हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के परिपालन में यह बताया जा रहा है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड नहीं बल्कि डीएड होना जरूरी है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि इस निर्देश से राज्य में 500 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी जाएगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने 10 अगस्त 2023 के बाद बीएड (B.ED) डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बीएड (B.Ed) की जगह डीएड (D.Ed) जरूरी होगा। अगर किसी उम्मीदवार की योग्यता में गलती से भी बीएड की जगह डीएड लिखा है तो इसकी जांच कर उस नियुक्ति को निरस्त किया जाएगा. प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है। मध्य प्रदेश के आगर मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, डिंडोरी, गुना, कटनी, खण्डवा, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, श्योपुर, शिवपुरी,सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर जानकारी मांगी गई हैं। चूंकि न्यायालय के आदेश का हवाला शामिल है, इसलिए 500 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी जाना लगभग तय ही माना जा रहा है