रफीक खान
नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड सिंगरौली NCL में हुए कथित भ्रष्टाचार की शिकायत सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन CBI की जबलपुर ब्रांच में जब पहुंची तो उसकी जांच एक डीएसपी DSP को दी गई थी। यह जांच कर रहे डीएसपी ने सच्चाई को उजागर करने के बाद सौदेबाजी शुरू कर दी और जब भ्रष्टाचारियों से साढे चार लाख रुपए की रिश्वत ले रहे थे, तभी सीबीआई ने अपने ही डीएसपी को दबोच लिया। बस यही से इस पूरे मामले की पोल खुल गई और उसके बाद जब छापामारी की गई तो करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हो गया तथा 10 करोड़ से ज्यादा की नगद रकम भी बरामद कर ली गई। सीबीआई की टीम इस मामले में लगातार जांच पड़ताल कर रही है और सोमवार की सुबह यानी कि रक्षाबंधन के दिन भी सिंगरौली में कार्रवाई जारी है। कुछ और लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि एनसीएल में पूर्व सीएमडी भोला सिंह के कार्यकाल के दौरान मशीनों के कुलपुर्जों की सप्लाई हुई थी। इसमें अनियमितता की शिकायत हुई थी। मामले की जांच सीबीआई जबलपुर काडर के डीएसपी जाय जोसेफ दामले को सौंपी गई थी। शनिवार की रात डीएसपी को सीबीआई मुख्यालय की टीम ने जबलपुर के विजय नगर स्थित एसबीआई चौक से साढ़े चार लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। इसके बाद सीबीआई मुख्यालय की टीम ने एनसीएल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी बसंत कुमार सिंह, सीएमडी के प्रबंध सचिव सूबेदार ओझा व ठेकेदार रवि सिंह के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की। सीबीआइ को प्रबंध सचिव के आवास से साढ़े तीन करोड़ रुपये नकद मिले। मुख्य सुरक्षा अधिकारी और ठेकेदार के यहां भी 50 लाख रुपये मिले। कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। टीम मुख्य सुरक्षा अधिकारी बसंत कुमार सिंह और सीएमडी के प्रबंध सचिव को हिरासत में लेकर जबलपुर चली गई। सूत्रों के मुताबिक विभिन्न प्रकार के सामान की आपूर्ति और अन्य मदों में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआइ ने यह कार्रवाई की। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सभी एंगल पर जांच की जा रही है ताकि भ्रष्टाचार के तार जहां-जहां जुड़े हैं और जो बड़े घोटाले हुए हैं, उन पर कार्रवाई की जा सके। क्योंकि इस मामले में सीबीआई के डीएसपी की फैमिली भगत सामने आ गई इसलिए अब यह मामला और अधिक गंभीर हो गया है और इस पर दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी पूरी निगरानी की जा रही है और आगे भी की जाती रहेगी।