8 साल पहले गायब हुए मानसिंह मामले में कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना, सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए बनाई SIT - khabarupdateindia

खबरे

8 साल पहले गायब हुए मानसिंह मामले में कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना, सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए बनाई SIT


रफीक खान
मध्य प्रदेश के सागर जिले से निर्वाचित विधायक तथा कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह राजपूत पर एक गुम इंसान के मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी को लेकर निशाना साधा जाने लगा है। दरअसल 2016 में लापता हुए मानसिंह पटेल के मामले में उनके बेटे सीताराम पटेल ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर पिता को गायब करवाने का आरोप लगाया था। इस मामले में निष्पक्ष जांच ना हो पाने के कारण याचिकाकर्ता के रूप में पटेल परिवार सुप्रीम कोर्ट तक गया और वहां से एसआईटी गठन का आदेश पारित हुआ। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से गोविंद सिंह राजपूत की मिनिस्ट्री पर कोई असर पड़ेगा या नहीं? यह आने वाला समय बताएगा। गोविंद सिंह राजपूत ने इस संबंध में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। ना ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ा है। उनके राजनीतिक विरोधी षड्यंत्र रच रहे होंगे। उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैं चाहता हूं कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का में स्वागत करता हूं और जो लोग मुझ पर टीका टिप्पणी करेंगे मैं उन पर कार्रवाई के लिए मानहानि केस जैसी कार्रवाई करने के लिए विवश रहूंगा।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मान सिंह पटेल साल 2016 से लापता हैं। जमीन विवाद मामले में उनके बेटे सीताराम पटेल ने गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों पर पिता को गायब कराने का आरोप लगाया था। सीताराम ने पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने मान सिंह की गुमशुदगी दर्ज कर ली। मामले में मंत्री का नाम आने के बाद पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस एसआईटी की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने महज दिखावा बताते हुए नई एसआईटी बनाने और उसमें दूसरे राज्यों के सीनियर IPS अफसरों को शामिल कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। मान सिंह के बेटे सीताराम पटेल ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर अपने पिता की गुमशुदगी और उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मानसिंह के बेटे सीताराम पटेल ने दावा किया था कि उनके पिता अगस्त 2016 में उस समय लापता हो गए, जब उन्होंने राजपूत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन को कई बार शिकायत करने के बावजूद मान सिंह का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा कोई भी पुख्ता कदम नहीं उठाए गए। पुलिस की तरफ से की जा रही टाल मटोल के चलते ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली गई है।