रफीक खान
समीपवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में चार पत्रकारों को साजिशन गांजा मामले में झूठा फंसाए जाने की शिकायत पर एसपी द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाए गए थाना प्रभारी को न सिर्फ सस्पेंड कर दिया गया, बल्कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार भी कर लिया गया। सुकमा जिले के एसपी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद फर्जीबाड़ा करने वाले पुलिस अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि दंतेवाड़ा जिले के पत्रकार बप्पी राय, निशु त्रिवेदी, मनीष सिंह और धर्मेंद्र सिंह को 11 अगस्त को गांजा प्रकरण में आंध्र प्रदेश पुलिस के द्वारा एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया। छत्तीसगढ़ के लिए हाई प्रोफाइल हो चुका है क्योंकि इस मामले में रेत की कालाबाजारी से जुड़े कई चेहरे शामिल है। जिन्होंने रेत की खबर बनाने गए पत्रकारों को षड्यंत्र का शिकार बनाया। मामले पर जहां कांग्रेस सरकार को घेर रही है वहीं सरकार की ओर से गृहमंत्री विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री अरुण साव समेत तमाम नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं । पत्रकारों का आरोप है कि अवैध रूप से आंध्रप्रदेश तेलंगाना जा रहे छत्तीसगढ़ के रेत वाहन को रोककर पूछताछ के दौरान पत्रकारों और निरीक्षक अजय सोनकर के बीच बहस हुई, जिसके बाद इस तरह की घटना सामने आई। कोटा में बड़ी मात्रा में रेत का भंडारण किया गया है और यह रेत अवैध रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की ओर जा रही है। रेत माफिया पर लगाम लगाने के लिए कुछ पत्रकार कोण्टा पहुंचे थे, जिन्हें साजिश के तहत फसाया गया और उनकी गाड़ी में गांजा रखा गया। पत्रकार बप्पी राय के भाई का कहना है की गाड़ी की डिक्की का लॉक तोड़ा गया और उसमें गांजा रखा गया। इसके बाद सुनियोजित तरीके से आंध्र प्रदेश पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई कि कुछ लोग गांजा लेकर चिंतूर की ओर जा रहे हैं । जिला सुकमा के पत्रकार राजेन्द्र पीसा एवं अन्य पत्रकार साथीगण द्वारा पुलिस अधीक्षक सुकमा को प्रेषित किये गये ज्ञापन की प्रारंभीक जांच के प्रकाश में आई तथ्यों के आधार पर तत्कालिन थाना प्रभारी कोन्टा अजय सोनकर द्वारा अनाधिकृत रूप से आर.एस.एन.लॉज कोन्टा की सीसीटीव्ही फुटेज़ डीव्हीआर को अपने कब्जे में लेने के विधि विरूद्ध कृत्य के संदर्भ में उनके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 324, 331 (2) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही के दौरान निरीक्षक अजय सोनकर को गिरफ्तार की जाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया है।