BJP विधायक के कार्यालय में पटवारी की पिटाई, कलेक्टर तक पहुंची लप्पड़ों की गूंज Patwari beaten in BJP MLA's office, echo of slaps reached collector - khabarupdateindia

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BJP विधायक के कार्यालय में पटवारी की पिटाई, कलेक्टर तक पहुंची लप्पड़ों की गूंज Patwari beaten in BJP MLA's office, echo of slaps reached collector


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशील तिवारी इंदु के कार्यालय में एक पटवारी की पिटाई का मामला कलेक्टर तक पहुंच गया है। पटवारी संघ अपने साथी की पिटाई से बुरी तरह आहत है और उन्होंने कलेक्टर के समक्ष पहुंचकर सामूहिक इस्तीफा की पेशकश की है। पटवारी ने आरोप लगाया है कि पनागर विधायक ने एक जमीन की मन माफिक रिपोर्ट नहीं बनने पर अपने गुर्गों से अपनी मौजूदगी में पिटवाया तथा खूब गालियां दी। इस घटना के बाद न सिर्फ सियासी हल्के में उबाल आ गया है, बल्कि प्रशासन के लिए भी पटवारियों को नियंत्रित करना एक चुनौती बन गई है।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि आरोप है कि विधायक ने एक जमीन की मनमाफिक रिपोर्ट नहीं बनाने पर पटवारी को अपने गुर्गों से पिटवाया और उसे खूब गालियां दीं। इतना ही नहीं, दूर दराज ट्रांसफर कराने की धमकी देते हुए जान से मारने तक की धमकी दी। पटवारियों ने बताया कि MLA सुशील तिवारी कुदवारी की एक जमीन की रिपोर्ट अपने मन माफिक बनवाना चाह रहे थे। पटवारी प्रवीण सिंह ने इससे इंकार कर दिया तो वे भड़क गए। विधायक सुशील तिवारी ने पटवारी प्रवीण सिंह को अपने कार्यालय बुला लिया। उन्होंने अपने गुर्गों से प्रवीण सिंह को पिटवाया और उनका ट्रांसफर कराने के साथ ही परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दी। पटवारी प्रवीण सिंह की मारपीट की खबर मिलते ही जिले के पटवारियों में आक्रोश फैल गया। विरोध स्वरूप जिलेभर के पटवारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना इस्तीफा देने की पेशकश की । सभी पटवारी पनागर विधायक सुशील तिवारी और पटवारी प्रवीण सिंह के साथ मारपीट करनेवाले गुंडोें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आरोप है कि पनागर के भाजपा विधायक सुशील तिवारी ‘इंदू’ जमाल खान नामक व्यक्ति के खिलाफ सरकारी जमीन पर कब्जा करने की रिपोर्ट बनवाना चाहते हैं। इसके लिए पटवारी प्रवीण सिंह पर दबाव डाला पर उन्होंने रिपोर्ट बनाने से इंकार कर दिया। कलेक्टर ने पटवारी की शिकायत सुनने के बाद आश्वासन दिया है कि वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और इसके बाद फिर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्णय लेंगे।