रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशील तिवारी इंदु के कार्यालय में मारपीट के शिकार हुए पटवारी प्रवीण सिंह ने थाने में एफआईआर करवाने से इनकार कर दिया है। पटवारी प्रवीण सिंह का कहना है कि वह भयभीत है और विधायक तथा उनके गुर्गों से लड़ पाने की हैसियत या ताकत नहीं रखता है। ऐसी स्थिति में पुलिस थाने में जाकर एफआईआर करवाना उसके व उसके परिवार के लिए जान का खतरा बन सकता है। प्रवीण सिंह का कहना है कि वह एफआईआर ना करवा कर कलेक्टर से अन्यत्र स्थानांतरण की मांग करेगा।
गौरतलब है कि विधायक ने एक जमीन की मनमाफिक रिपोर्ट नहीं बनाने पर पटवारी को अपने गुर्गों से पिटवाया और उसे खूब गालियां दीं। इतना ही नहीं, दूर दराज ट्रांसफर कराने की धमकी देते हुए जान से मारने तक की धमकी दी। शुक्रवार को मध्य प्रदेश पटवारी संघ तथा प्रांतीय पटवारी संघ के बैनर तले जिले भर के पटवारी कलेक्टर दीपक सक्सेना से जाकर मिले और उन्होंने कलेक्टर को बताया था कि MLA सुशील तिवारी इंदु कुदवारी की एक जमीन की रिपोर्ट अपने मन माफिक बनवाना चाह रहे थे। पटवारी प्रवीण सिंह ने इससे इंकार कर दिया तो वे भड़क गए। पटवारी प्रवीण सिंह ने विधायक द्वारा बताई गई बात तथा निर्देश के अनुसार जो रिपोर्ट तहसीलदार को सौपी वह विधायक को रास नहीं आई और इसी बात पर विधायक भड़क गए थे। "खबर अपडेट इंडिया" से चर्चा करते हुए पटवारी प्रवीण सिंह ने बताया कि उसे विधायक के कार्यालय में सोहेल अफजल खान तथा राजेंद्र चौधरी द्वारा बुलाया गया था। इसके बाद उसके साथ वहां मारपीट की गई। विरोध स्वरूप तथा घटना की शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना से की गई। सोच विचार के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचा है कि एफआईआर करने के बाद उसे नौकरी में ज्यादा नुकसान होगा, इस कारण वह कलेक्टर से पनागर के अलावा कहीं और स्थानांतरण करने की मांग करेगा।