वक्फ बोर्ड (संशोधन) बिल लोकसभा में अटका, जेपीसी को भेजा जाएगा Waqf Board (Amendment) Bill stuck in Lok Sabha, will be sent to JPC - khabarupdateindia

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वक्फ बोर्ड (संशोधन) बिल लोकसभा में अटका, जेपीसी को भेजा जाएगा Waqf Board (Amendment) Bill stuck in Lok Sabha, will be sent to JPC


रफीक खान
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल गुरुवार को जैसे ही लोकसभा में पेश किया गया, वैसे ही विपक्ष ने पुरजोर विरोध करते हुए इसे रोकने की मांग की। लोकसभा में हंगामे की स्थिति देखकर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सदन में खड़े हुए और उन्होंने इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी JPC को भेजने की बात कह दी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की इस मांग को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकारते हुए कहा कि जल्द ही जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी JPC का गठन किया जाएगा।

कहा जाता है कि मोदी सरकार ने गुरुवार को ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ पेश किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा नाम पुकारे जाने पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू जब सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ को पेश करने के लिए खड़े हुए तो राहुल गांधी और अखिलेश यादव सहित पूरा विपक्ष विरोध में सदन में खड़ा हो गए। विपक्षी दलों की तरफ से बोलते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल एवं इमरान मसूद, सपा से अखिलेश यादव एवं मोहिब्बुल्लाह, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, एनसीपी (शरद पवार) से सुप्रिया सुले और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी के अलावा डीएमके, आईयूएमएल, सीपीआई, सीपीआई (एम), आरएसपी, वीसीके सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसदों ने इसे संविधान और मुसलमान विरोधी बताते हुए इसे पेश करने का जोरदार विरोध किया। स्पीकर अब दोनों सदनों के सदस्यों की एक जेपीसी बनाएंगे, जो इस विधेयक के पहलुओं और सांसदों की आपत्तियों पर विचार करेगी और संसद को अपनी सिफारिश सौंपेगी। मोदी सरकार के इस संशोधन बिल का कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, माकपा, भाकपा, वाईएसआर कांग्रेस आदि पार्टियों ने विरोध किया। वहीं सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल जनता दल यूनाइटेड (JDU), तेलुगु देशम (TDP) और शिवसेना ने समर्थन किया। श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला करते हुए कहा, “जो देश की व्यवस्थाओं को जाति-धर्म के आधार पर चलाना चाहते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। इस विधेयक का मकसद पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाना है लेकिन संविधान पर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि अब जेपीसी के गठन और उसके द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के बाद ही इस पर फैसले की स्थिति बन पाएगी।