रफीक खान
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में एक लेक्चर का सिलेक्शन 1 साल पहले हो जाने के बाद भी पोस्टिंग नहीं की गई। मामला हाई कोर्ट पहुंचा और सुनवाई के बाद हाई कोर्ट द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल तथा संयुक्त संचालक जबलपुर संभाग को आदेशित किया गया कि एक माह के भीतर इस मामले में निर्णय लिया जाए। साथ ही प्रकरण के निराकरण तक किसी भी अन्य लेक्चरर की वहां पोस्टिंग नहीं की जाना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर याचिका श्रीमती सोनल जैन विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन मामले में याचिकाकर्ता के अधिकवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने न्यायालय के समक्ष बताया की याचिकाकर्ता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सह शिक्षा गढ़ा जबलपुर में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत है।17/07/2023 को मध्य प्रदेश शासन के द्वारा व्याख्याता पद हेतु चयन सूची जारी की गई थी, जिस पर याचिककर्ता का भी चयन किया गया था।ततपश्चात 16/09/2023 याचिककर्ता की कॉउन्सलिंग एवं दस्तावेजों का सत्यापन हुआ था। जिसमें याचिककर्ता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उत्कृष्ठ पनागर हेतु चयन किया गया था | याचिककर्ता ने उक्त विद्यालय के लिए अपनी सहमति प्रदान की थी | 1 वर्ष होने के पश्चात आज दिनांक तक याचिककर्ता का पोस्टिंग आदेश जारी नहीं हुआ। याचिककर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की , जिसमें न्यायालय ने अनावेदक क्रमांक 1. आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल एवं संयुक्त संचालक जबलपुर संभाग को आदेशित किया है कि 1 महीने के अंदर याचिककर्ता के उच्च पद व्याख्याता पद पर नियुक्ति हेतु अभ्यावेदन का विधि संगत तरीके से निराकरण करें | एवं याचिककर्ता की पोस्टिंग होने तक या प्रकरण के निराकरण न होने तक किसी अन्य व्यक्ति को व्याख्याता पद पर उक्त स्कूल में उसकी पदस्थापना ने की जाए |
याचिककर्ता का पक्ष न्यायालय के समकक्ष एड. सत्येन्द्र ज्योतिषी एवं विशाल यादव ने रखा |