MP हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की फीस रिफंड पर लगाई रोक, कलेक्टर को जारी किया नोटिस MP High Court bans fee refund of private schools, issues notice to collector - khabarupdateindia

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MP हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की फीस रिफंड पर लगाई रोक, कलेक्टर को जारी किया नोटिस MP High Court bans fee refund of private schools, issues notice to collector


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा प्राइवेट स्कूलों की अनाप-शनाप फीस वसूली, यूनिफॉर्म और किताबों के फर्जीबाड़ा मामले में पहली बार मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट का दखल सामने आया है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कलेक्टर द्वारा जारी किए गए अधिक फीस रिफंड पर रोक लगाने के आदेश पारित कर दिए। साथ ही कलेक्टर को नोटिस भी जारी किया गया है। कलेक्टर ने 81 करोड रुपए लौटाने के आदेश निजी स्कूलों को दिए थे। पहले 30 जुलाई को एकल पीठ में यही याचिका खारिज कर दी थी। मंगलवार को अपील के दौरान इस पर चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ द्वारा सुनवाई कर आदेश दिए गए। मामले में अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की गई है।

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि जबलपुर के क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलायसिस स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल सहित पांच स्कूलों ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि जिला कमेटी के द्वारा उनकी स्कूल की फीस का निर्धारण किया गया है। इसके साथ ही 2017-18 से की गई फीस वृद्धि की राशि वापस लौटने के आदेश भी जारी किए थे। कलेक्टर की अगुवाई में जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी बनाई गई जिला स्तरीय कमेटी के आदेश को याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में चैलेंज किया था।जिसके बाद एक एकलपीठ ने निजी स्कूलों की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद निजी स्कूलों ने एक बार पुनः डिवीजन बेंच में याचिका लगाते हुए हाई कोर्ट को बताया कि मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमन के तहत स्कूल प्रबंधन फीस में 10% की बढ़ोतरी कर सकता है। स्कूल प्रबंधन ने हाई कोर्ट को बताया कि 10% से अधिक फीस वृद्धि नहीं की गई है, अपवाद स्वरूप अधिकतम 13% तक की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद भी कमेटी ने मनमानी तरीके से फीस का निर्धारण किया। हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह द्वारा पैरवी की गई। कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पहली बार निजी स्कूलों को इस याचिका के जरिए राहत मिली है।