रफीक खान
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक लेडी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बहुचर्चित केस में मंगलवार को हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के आदेश पारित कर दिए। हाईकोर्ट ने कहा यह मामला अत्यंत गंभीर है और इसे सीबीआई को सौंपने संबंधी निर्णय में अगर देर की जाती है तो साक्षयों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। घटना का डॉक्टर समुदाय द्वारा पूरे देश में विरोध किया जाना भी लाजमी है। स्थानीय पुलिस को घटना के संबंध में अब तक की हुई जांच पड़ताल के तमाम दस्तावेज भी सीबीआई को तत्काल सुपुर्द करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। मामले में हाई कोर्ट की दखल को जांच के हिसाब से काफी उचित मानी जा रही है।
कहा जाता है कि हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल बनाने पर पश्चिम बंगाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस को महिला डॉक्टर की हत्या मामले से संबंधित सभी दस्तावेज बुधवार (14 अगस्त) की सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने धरने पर बैठे डॉक्टरों से हड़ताल को खत्म करने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टर के घर जाकर परिजनों से मुलाकात करने के बाद कहा था कि अगर कोलकाता पुलिस रविवार तक मामले को सुलझाने में विफल रहती है, तो इसे सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से कहा कि वह अपने आप छुट्टी पर चले जाएं, वरना कोर्ट आदेश पारित करेगी। इस दौरान हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल पूछा है कि जब एक छात्र की मौत हुई थी, तो फिर उस मामले में प्रिंसिपल की तरफ से कोई शिकायत क्यों नहीं दी गई? जिम्मेदारों का यह रवैया उनकी भूमिका को अपने आप कठघरे में खड़ा कर रहा है