रफीक खान
मध्य प्रदेश की एमपी एमएलए कोर्ट ने 8 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े, कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे और आकाश चौहान, धनजी गिरी को दो-दो साल की सजा तथा 11-11000 का जुर्माना लगाया है। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश स्वयं प्रकाश दुबे ने यह सजा हबीबगंज पुलिस थाने में दर्ज हुए आईपीसी की धारा 353 326 333 तथा 147 के प्रकरण की सुनवाई उपरांत सुनाई है। सभी आरोपियों को 30-30000 के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी गई।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि एनएसयूआई में रहते हुए साल 2016 में सभी नेताओं ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ व्यापम घोटाले को लेकर सीएम हाउस का घेराव किया था। उसके बाद हबीबगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 353, 326, 333, 147 में मामला पंजीबद्ध किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि हम माननीय न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। यह भाजपा सरकार के प्रतिशोध वाली घटिया राजनीति का एक उदाहरण है। छात्र हितों में लड़ाई लड़ने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दिया जाता है। नतीजतन कोर्ट द्वारा सजा सुनाई जाती है। हालांकि, हम इससे हताश नहीं हैं। हम आमजनों की लड़ाई दोगुनी ताकत से लड़ते रहेंगे। हम गांधी-नेहरू की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं इसलिए जेल जाने से नहीं डरते। सत्य के लिए लड़ाई जारी रहेगी। कांग्रेस में रहकर इस तरह के संघर्षों का सामना करने की हम आदि हो चुके हैं।