रफीक खान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्केड को निकलवाने की व्यवस्था के दौरान आर्मी के एक मेजर और ट्रैफिक पुलिस के बीच झगड़ा हो गया। मौके पर मारपीट, धक्का, मुक्की, गाली गलौज हुई। इस घटना ने खासा तूल पकड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री का काफिला निकलने के बाद भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और आर्मी के अधिकारियों के बीच लगातार हुज्जत व आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। शुक्रवार को दोपहर में आर्मी के जवानों ने ग्वालियर में मप्र शासन के कैबिनेट मिनिस्टर प्रद्युमन सिंह तोमर का बंगला घेर लिया। काफी देर तक हंगामा की स्थिति बनी रही। मंत्री द्वारा दी गई समझाइश के बाद आर्मी जवान और अफसर वापस तो लौट गए लेकिन अभी भी मामले का पटाक्षेप नहीं हो पाया है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि विवाद की वजह शताब्दी पुरम इलाके में रहने वाले मेजर आशीष चौहान की कार में एक इनोवा कार द्वारा टक्कर मारना रहा। मेजर आशीष चौहान वर्तमान में जौधपुर में पदस्थ हैं और इन दिनों छुट्टी पर अपने घर आए हैं। मेजर अपने परिवार के साथ बीमार बच्चे को दिखाकर अस्पताल से घर लौट रहे थे। तभी गोला का मंदिर थाना अंतर्गत एमआईटीएस कॉलेज के पास इंद्रमणी नगर चौराहे पर एक इनोवा कार ने मेजर की कार में टक्कर मार दी। गुस्साए मेजर ने इनोवा कार के चालक को पकड़ने की कोशिश की तो वह भाग निकला। मेजर ने इनोवा कार को पकड़ने के लिए मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिस से मदद मांगी। लेकिन मौके से सीएम का काफिला गुजरने वाला था, लिहाजा ट्रैफिक पुलिस ने मेजर से थोड़ी देर बाद कार्रवाई करने की बात कही। बस इसी बात को लेकर मेजर और ट्रैफिक पुलिस के एक जवान के बीच हाथापाई हो गई। इस दौरान मौके पर सादा कपड़ों में पुलिस के जवान भी तैनात थे, जो हंगामा बढ़ता देख मेजर आशीष चौहान को पुलिस की कार से थाने ले गए। कार सवार परिजन ने समझा कि मेजर का किडनैप हो गया है। इसके बाद उन्होंने परिजनों और अन्य परिचितों को सूचना दे दी। कुछ ही देर में मौके पर बड़ी संख्या में मेजर आशीष चौहान के रिश्तेदार, परिचित और सैनिक इकट्ठा हो गए। उधर मेजर की पत्नी ने भी पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं हाथापाई में ट्रैफिक जवान की वर्दी भी फट गई थी। अब इस मामले में मिलिट्री पुलिस से लेकर मध्य प्रदेश सरकार की जिला पुलिस के अलावा सरकार के मंत्री और नेताओं तक के बीच जमकर जद्दोजहद चल रही है।